27/08/2019
पूजा संजीवनी रसायन है– मुनि श्री
(पर्यूषण पर्व एवं श्रावक संस्कार शिविर की तैयारियां जोरों पर) करेली, जिला नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश में


राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री विमलसागर जी,मुनि श्री अनन्तसागर जी,मुनि श्री धर्मसागर जी,मुनि श्री अचलसागर जी व मुनि श्री भाव सागर जी ससंघ के सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सुभाष मैदान में पर्यूषण पर्व एवं श्रावक संस्कार शिविर का महा आयोजन तैयारियां चल रही हैं । पूरे भारत के विभिन्न नगरों से महानुभाव आ रहे हैं ।यह 2 से 15 सितंबर 2019 तक होगा । प्रतिदिन अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन,आरती संपन्न होगी । मुनि श्री के प्रतिदिन प्रवचन, कक्षा ध्यान का लाभ भी मिलेगा । 2 सितंबर को शिविरार्थियो का का आगमन होगा । दोपहर 3 बजे से बड़े जैन मंदिर जी से जुलूस प्रारंभ होगा…. पर्यूषण पर्व प्रारंभ होंगे । ज्ञात हो कि सम्पूर्ण विश्व में पर्युषण पर्व में श्रद्धालु उपवास और विशेष त्याग व साधना करते हैं । 13 सितंबर को प्रातः 8 बजे से सभी श्रावकों के साथ प्रभावना यात्रा एवं सम्मान आदि होंगे । सुभाष मैदान में। पर्यूषण पर्व पर प्रतिदिन तत्वार्थ सूत्र का वाचन होगा एवं 10 धर्म पर मुनि श्री के प्रवचन होंगे । रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा । कवि सम्मेलन,नाटिका आदि की प्रस्तुति भी होगी । इस बार हथकरघा के धोती दुपट्टा प्रदान किए जाएंगे और कुछ खास करने की तैयारियां चल रही हैं। आवास व्यवस्था गांधी कांपलेक्स के विशाल भवन में की गई है। शिवरार्थियों की सभी अनुकूलताओं को ध्यान में रखकर सभी व्यवस्था की जा रही है। इस शिविर में 13 वर्षों से 73 वर्ष के शिविरार्थी 12 दिन इसी नगर में रहकर साधना करेंगे और ब्रह्मचारी जैसे रहकर त्याग साधना, व्रत, उपवास करेंगे प्रतिदिन चल रहे उद्बोधन मैं
मुनि श्री विमल सागर जी ने धर्म के विभिन्न आयामों को बताया और कैसे अपनी लाइफ को व्यवस्थित करें यह बताया।
मुनि श्री अनंत सागर जी ने ग्रंथ की व्याख्या करते हुए बताया की हमें अपने परिणामों को हमेशा संभालना चाहिए।
मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि पूजन हमारी आंतरिक पवित्रता के लिए है इसलिए पूजा के क्षणों में पूजा के उपरांत दिनभर पवित्रता बनी रहे ऐसा प्रयत्न हो। पूजा और अभिषेक प्रभु के समीप जाने का विशेष अवसर है । पूजा भगवान की सेवा है। पूजा अतिथि का स्वागत है। पूजा गहरी तन्मयता और आत्म उपलब्धि में कारण बनती है। पूजा ध्यान भी है ।यह समस्त दुखों का नाश करने वाली है ।पूजा संजीवनी रसायन है । पूजा अमंगल से मंगल का सूत्रपात करती है। जीवन में जागरूकता ला देती है। भक्ति का ह्रदय ज्ञान की आंख और कर्म के पैर हो तभी पूजा की सार्थकता हैं।

प्रेषक :
आशीष जैन ( टी.वी चैनल न्यूज़ रिपोर्टर ) 9425467816
सिद्धांत जैन (एंकर) 9406671066
शिवा जैन 7354705860
प्रशांत जैन 8435925178
हर्ष जैन9881906011