प्रवचन लिखित

घाटोल 31-10-2023 

आदर्श महाविद्यालय के कार्यक्रम में मुनि संघ का सानिध्य प्राप्त हुआ* 

जिस मुंह से प्रभु का नाम लेते हैं उसे मुंह में गुटका तंबाकू का जहर क्यों डालते हैं  |  जो नेता नीति से रहित होता है वह सफल नहीं होता है  |  पहली रोटी गाय को दे  |  तन, मन, धन खराब करती है शराब

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज, मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज आदर्श महाविद्यालय घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान में 31 अक्टूबर 2023 को आदर्श महाविद्यालय पहुंचे जहां मंगलाचरण, चित्र अनावरण, पाद प्रक्षालन हुआ मुनि श्री की आगवानी सिर पर कलश रखकर महिलाओं ने की |

इस अवसर पर  सभा को संबोधित करते हुए  मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि पढ़ाई के लिए प्रातः काल की ब्रह्म मुहूर्त की बेला बहुत अच्छी होती है,  परीक्षा में असफल होने पर आत्महत्या नहीं करे, बच्चों को स्मोकिंग से दूर रहना चाहिए ,यह धन भी बर्बाद करता है और शरीर भी ,नशे से सभी को दूर रहना चाहिए, इससे स्वर यंत्र का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर , आदि बीमारी होती है, जिस मुंह से प्रभु का नाम लेते हैं उसे मुंह में गुटका तंबाकू का जहर क्यों डालते हैं ,विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अमेरिका में 6 लाख व युरोप में 10 लाख से अधिक व्यक्ति प्रतिवर्ष तंबाकू के कारण समय से पूर्व मर जाते हैं.| 

मुनि श्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि हम आदर्श विद्यालय का आदर्श देखने आए हैं, जो नेता नीति से रहित होता है वह सफल नहीं होता है, नीतियां जीवन पर्यंत काम आती है, अंठस्थ धनम कंठस्थ विद्या काम में आती है ,हमने किसी जीव को माता-पिता से अलग किया होगा इसलिए हमारे भी माता-पिता नहीं रहते हैं, संकल्प के बिना जीवन का कायाकल्प नहीं होता है ,जीवो को अभयदान  देना सबसे बड़ा दान है, पहली रोटी गाय को दे, तन, मन, धन खराब करती है शराब, इससे दूर रहे नशीली वस्तुओं का सेवन नहीं करे | अल्पेश कोठारी ने कहा कि आदर्श महाविद्यालय सन 2012 से 100 प्रतिशत रिजल्ट दे रहा है, जिनके माता-पिता नहीं होते है उनको हम शिक्षा निःशुल्क देते हैं, कक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वालों का सम्मान किया गया, इस सभा में गायत्री परिवार के सदस्य, जैन महिला मंडल अध्यक्ष गुंजन शाह, नगर सेठ राजमल सेठ ,अल्पेश कोठारी , यश शाह, वैभव घाटालिया आदि उपस्थित रहे|

 

घाटोल  29-10-2023

 

आर.एस.एस के कार्यक्रम में मुनि संघ का सानिध्य प्राप्त हुआ  |  100 प्रतिशत मतदान हो यह हमारी जिम्मेदारी है  |  विश्व एक परिवार है जिसमें सबको जीने का अधिकार है  |  शरीर राष्ट्रीय संपत्ति है   |   ऑक्सीजन के लिए वृक्ष जरुर लगाए   |  देश को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्लास्टिक मुक्त करना होगा |

 

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज, मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज, मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में हनुमान मंदिर नेगरेड़ परिसर मे 29 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय स्वयं सेवा संघ का कार्यक्रम  हुआ 31 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे  आदर्श विद्यालय में मुनिश्री के द्वारा बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा के लिए टिप्स दिए जाएंगे |

इस अवसर पर  सभा को संबोधित करते हुए  मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र के लिए समर्पित है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सभी सदस्य, भारत का उत्थान कैसे हो हमारे गुरुदेव ने 7 सूत्र दिए हैं, स्वस्थ तन शाकाहार से ही संभव है ,अपने जीवन में शाकाहार अपनाओ, स्वयंसेवकों को यह स्वयं को मजबूत बनाता है देश की रक्षा के लिए तत्पर रहे, सभी निरोगी बने ,किसी को कष्ट ना हो ऐसी भावना रखना चाहिए, विश्व एक परिवार है जिसमें सबको जीने का अधिकार है ,भारतीय संस्कृति को संत ही बचा कर रखे हैं, भारत की धरती पर करोड़ों गोकुल होते थे ,गौ माता बड़ी सयानी है, गाये कभी मांस नहीं खाती है, खाद्य पदार्थों में सूअर का मांस डल रहा है, गायो की रक्षा करे गौशालाओ में भेजे, राष्ट्र की रीढ़ गाय हैं, भारत देश गायों का रव सुनकर गौरव मानता था, गाय का पालन करें यह चेतन धन है सर्वश्रेष्ठ संपदा है, गाय चेतन धन है इसकी सुरक्षा करें ,शरीर राष्ट्रीय संपत्ति है ,इसका सही उपयोग करें, ऑक्सीजन के लिए वृक्ष जरुर लगाए, विदेशी लोग कम थे फिर भी राज करके चले गए एक वक्ता ने कहा कि सन 1925 से शुरुआत हुई थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 2 वर्ष बाद शताब्दी पूरी होगी ,आज सांस्कृतिक गौरव लौट रहा है , हिन्दी भाषा को गौरव प्राप्त हो रहा है, योग को विश्व में मान्यता मिल रही है, भारत को वैभवशाली बनाने के लिए प्रयत्न किया जा रहा हैं, पारिवारिक वातावरण टीवी मोबाइल से बिगड़ रहा है, देश को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्लास्टिक मुक्त करना होगा ,एक पौधा अपने जन्मदिन पर जरूर लगाएं ,स्वदेशी की ओर बढे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें, देश का पैसा देश में रहे ,आने वाले समय में हमारा भारत फिर से विश्व गुरु बने ,युद्ध के समय में भारत ही कुछ दे सकता है ,100 प्रतिशत मतदान हो यह हमारी जिम्मेदारी है, राष्ट्रीय हित में मतदान हो पूज्य मुनिश्री ने हमें सानिध्य प्रदान किया हम आभार व्यक्त करते हैं.

घाटोल 25-09-2023

कोल्डड्रिंक से होती है खतरनाक बीमारियां — मुनि श्री

आर .एस .एस .के सदस्यों ने होने वाले कार्यक्रम के लिए मुनि संघ को आमंत्रण दिया 

 

पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर  समाज की बैठक संपन्न हुई 

 

 

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में  25 अक्टूबर को घाटोल में पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर  समाज की बैठक संपन्न हुई जिसमे पंचकल्याणक समिति  बनायी गई और भी पदो का वितरण किया गया, आर एस एस के सदस्यों ने 29 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम के लिए मुनि संघ को आमंत्रण दिया , इस अवसर पर धर्म सभा को ,संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि एक  अध्ययन की  रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि कोल्डड्रिंक, साफ्ट ड्रिंक  या डिब्बा बंद फलों के रस पीते है तो आप घर बैठे डायबिटीज और दिल की बीमारियों को न्यौता दे रहे है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की वार्षिक कांफ्रेंस में यह दावा किया गया था यह दावा किया गया था और कांफ्रेंस में कहा गया था कि कोल्डड्रिंक पीने की  आदत में बढ़ोत्तरी के चलते अब  दिल की बीमारियों के हजारों नए मामले सामने आ रहे है अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में एक लाख तीस हजार अतिरिक्त मौतें हुईं दिल की बीमारियों के 14 हजार नए मामले सामने आए।  फलों के ताजे रस को छोड़ कर कोई भी ड्रिंक मोटापा बढ़ाता है, इसके कारण अमेरिका में 6000 अतिरिक्त मौते हुई इसलिए कोल्डड्रिंक का त्याग करना चाहिए  

मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने जीवन उपयोगी सूत्र बताए

घाटोल 20-10-2023

किसी की जिंदगी में कड़वाहट न घोलें 

जैन समाज खुणादरी ने पंचकल्याणक कराने हेतु श्रीफल अर्पण किया

 

पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर पूरी समाज की बैठक संपन्न हुई अध्यक्ष का चयन हुआ

 

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  

मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में  20 अक्टूबर को सकल दिगंबर जैन समाज खुणादरी जिला डूंगरपुर ने पंचकल्याणक कराने हेतु श्रीफल अर्पण किया ज्ञात हो कि आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ससंघ के मार्गदर्शन में मंदिर का कार्य चल रहा है इसी क्रम में निंबाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ राजस्थान में भी पंचकल्याणक होना है वहां  के लोगो ने भी श्रीफल अर्पण किया था इस मंदिर का मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज के निर्देशन में कार्य चल रहा है घाटोल में पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर पूरी समाज की बैठक संपन्न हुई जिसमे पंचकल्याणक समिति का अध्यक्ष धनपाल लालावत को बनाया गया और भी पदो का वितरण किया जाएगा, आकाश जैन स्काइकिंग इंदौर ने हजार वर्ष तक सुरक्षित रहने वाले ताड़ पत्र पर उत्कीर्ण ग्रंथ के बारे में जानकारी दी

 

 

इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि अच्छा जीवन जीना स्वयं में बहुत बड़ी कला है और मीठा बोलना उस कला का महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि बोलने की कला में ही लोकप्रियता का राज छिपा हुआ है । कुछ ‘लोग वाणी के कारण औरों के दिलों से उतर जाते हैं तो कुछ इसी वाणी के चलते औरों के दिलों में बस जाया करते हैं। हम इस तरह बोलें कि दूसरों का दिल आग आग नहीं, बाग- बाग हो जाए। याद रखें, चेहरे की सुंदरता पाउडर लगाने से नहीं मधुर मुस्कान और मीठी जुबान से होती है । आदमी की पहचान परिधान से नहीं, जुबान से होती है। अगर जबान पर घाव लग जाए तो 24 घंटे में ठीक हो जाता है, पर जबान से घाव लग जाए तो ठीक होने में 24 वर्ष भी कम पड़ जाते हैं। शरीर में सबसे अच्छी चीज भी जबान है और बुरी चीज भी जबान है । यह जबान कैंची भी है और सुई धागा भी । हम जबान से कैंची की तरह रिश्तों को काटे नहीं वरन सुई-धागे की तरह टूटे रिश्तों को साधने की कोशिश करें । इतिहास इस बात का गवाह “है कि जहाँ रावण ने कड़वे वचनों के कारण अपने प्रिय धर्मात्मा भाई विभीषण को खो दिया था वहीं विभीषण ने मीठे वचनोंको से भाई के शत्रु राम को भी अपना बना लिया था ।

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को केवल चलना ही न सिखाएं वरन् बोलना भी सिखाए।

परिवार में सास-बहू, पिता- पुत्र, भाई-भाई, देवरानी-जेठानी के बीच होने वाले झगड़े धन-दौलत जमीन-जायदाद के कारण कम, कड़वी जबान के कारण ज्यादा होते हैं। अगर आप काले हैं तो इस तरह बोलें कि आपका सांवलापन ढंक जाए और आप गोरे हैं तो इस तरह बोलें कि आपके रंग में चार चांद लग जाएँ। गोरा व्यक्ति भी अगर कड़वा बोलेगा तो दुत्कारा जाएगा, पर काला व्यक्ति भी अगर मीठा बोलेगा तो हर जगह आदर पाएगा।

 

जैसा बोलेंगे वैसा मिलेगा दुनिया एक अनुगूंज है । यहाँ व्यक्ति को वही मिलता है जैसा वह औरों को दिया करता है। यहाँ मिठास के बदले मिठास और खटास के बदले खटास लौटकर आती है। अगर हम सबसे मिठास पाना चाहते हैं तो सबको मिठास देना शुरु कर दें। हमसे धर्म-कर्म हो तो अच्छी बात है और न हो तो भी कोई दिक्कत नहीं, पर भूल चूककर भी किसी की जिंदगी में कड़वाहट न घोलें क्योंकि इससे बढ़कर कोई पाप नहीं होता। लोकप्रिय बनना है तो बोलना सीखें। जब भी बोलें आदर -अदब से बोलें। छोटों को भी आप कहकर बुलाएं। बड़ों के नाम से पहले श्री व बाद में जी लगाएं। जब भी बोलें आत्म-विश्वास के साथ व श्रेष्ठ बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए बोलें। मिठास से व मुस्कुराते हुए बोलें । औरों की प्रशंसा करते हुए बोलें। सासुएं बहुओं को डांटना बंद करें और उनकी प्रशंसा करना शुरू करें। 

मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने जीवन उपयोगी सूत्र बताए |

मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने जीवन में अध्यात्म केसे लाए यह बताया |

मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि खुणादरी के श्री आदिनाथ भगवान अतिशयकारी है आप लोग माला फेरे जिससे जल्दी से जल्दी पंचकल्याणक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संपन्न हो।

घाटोल 12-09-2023

इन्द्रियों को संयमित न करने से शरीर बीमारी का घर बन जाता है।

धर्म विपत्तियों में मुस्कुराना सिखलाता है

समस्त सिद्धियां को देने वाला संयम होता

जैन गोट टैलेंट आयोजित हो रहा है जिसके लिए पूरे भारत से नाम आ रहे हैं

 

श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि आत्म संयम की रक्षा अपने खजाने की समान ही करो , अपना हित करने से दूसरे का हित होता ही है ,महापुरुषों की चेष्टा आचार्य जनक होती है, धर्म विपत्तियों में मुस्कुराना सिखलाता है , गुरु की महिमा से मनुष्य की सोई हुई शक्तियां जागती है , मूर्ख विद्वान एवं अपवित्र विचारों वाला शुद्ध बन जाता है, गुरुवाणी के प्रति समर्पण नहीं हो तो कुछ भी सीखा नहीं सकता ,जगत में शिष्य उच्चारण से नहीं उच्च आचरण से शोभित होता है, हृदय लोक में शिष्यों का उदय हुए बिना गुरु प्राप्ति संभव नहीं, गुरु अनुभवी होते हैं वह अनेकों उतार चढ़ाव देख चुके होतें हैं, समस्त सिद्धियां को देने वाला संयम होता है,संयम मनुष्य जीवन का प्राण है, जीवन रूपी कार में संयम रूपी ब्रेक होना चाहिए। सत्य के परिज्ञान होने पर वैराग्य भावना के साथ धारण किया संयम हँसी खुशी को देता है। जीवन की कीमत संयम, नियम व्रत से होती है। संयम बन्धन नहीं, बल्कि वह संसार से छुड़ाने वाला तथा वन्दनीय पूज्यनीय बनाने वाला है, प्राणी संयम धारी को अपने हृदय को दया, करुणा से शृंगारित करना चाहिए। इन्द्रियों को संयमित न करने से शरीर बीमारी का घर बन जाता है। इन्द्रियाँ उतना बुरा नहीं देखतीं, जितना कि मन ।
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने सूत्र की व्याख्या करना कठिन कार्य होता है,
मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि मुनिराज पहले जंगलों में साधना करते थे
मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने हमारा स्वभाव नारियल की तरह मुलायम होना चाहिए, कमेटी ने जानकारी दी कि
इस बार पर्युषण महापर्व में जैन युवा संगठन के तत्वाधान में आगम ग्रुप घाटोल द्वारा एक नया कार्यक्रम जैन गोट टैलेंट( प्रतिभा प्रतिस्पर्था ) आयोजित हो रहा है
जिसका उद्देश्य शहर मे छिपी हुई प्रतिभा को निखारने और उसे अच्छे मंच तक लाना है ,अभी तक पूरे देशभर से प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर इस प्रतिस्पर्था में भाग लिया है मुंबई ,आगरा ,दिल्ली ,उदयपुर ,सागर इत्यादि हर कोने से प्रतिभागियो के नाम आ रहे है संख्या बढ़ती जा रही है
ऑडिशन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2023 है
ऑडिशन देने वालों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है .

बंधा जी 24 /10 /2021 मोबाइल में रिंगटोन में मंत्र डालने से होती है परेशानियां
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बंधा जी जिला टीकमगढ़ (मप्र) में विराजमान राष्ट्र हित चिंतक
आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य
मुनि श्री विमलसागर जी
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज मुनि श्री अचल सागर जी मुनि श्री भाव सागर जी महाराज का चातुर्मास चल रहा है इसी के अंतर्गतमें 24 अक्टूबर को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की महा पूजन ललितपुर नई बस्ती पाठशाला के बच्चों के द्वारा की गई मुनिराजो का पाद प्रक्षालन किया गया इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने पाठशाला के बच्चों को बताया कि कैसे संस्कारों के द्वारा जीवन अच्छा बना सकते हैं इसी कड़ी में दोपहर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि दीपावली पर पटाखे नहीं चलाएं इसके कारण कितने सारे जीवो को कष्ट होता है और अरबों रुपए की हानि होती है कितने सारे पक्षियो मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं कितनी सारी दुर्घटनाएं हो जाती हैं बहुत सारी बीमारियां होती हैं इस पैसे से कोई अच्छी वस्तु खरीदें गरीबों को मिठाई वस्त्र उपयोगी सामग्री प्रदान करें जिससे वह भी दीपावली मना सकें दीपावली पर बाहरी सफाई ही नहीं करें किन्तु अंतरंग की सफाई भी करें मोबाइल में रिंगटोन में मंत्र नहीं डालें क्योंकि क्योंकि बीच में बंद कर देते हैं तो मंत्र की अविनय होती है और अशुद्ध अवस्था में भी मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो दोष लगता है! मुनि श्री अचल सागर जी महाराज ने कहा कि हम दिखावा नहीं करें जो भी करें सब के हित में करें

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महावीर जयंती पर नेमावर में विराजित आचार्यश्री द्वारा विशेष दिव्या देशना  

वर्षों से महावीर जयंती मनाते आये हैं , चैत्र मास आते ही एक एक दिन गिनते हैं कब आये कब आये  सोचते हैं पर खेद का विषय हैं पिछले 2 वर्ष से इस उत्साह उमंग और भक्ति में कमी सी आ गई आज लग ही नहीं रहा की महावीर जयंती हैं गत साल तो फिर भी थोड़ा कम था , इस वर्ष तो और ज्यादा नाजुक स्थिथि हैं

ऐसे सामुहिक अंतराय कर्म का उदय आया जो ऐसी स्थिति बन गई वैश्विक महामारी ने भयावय रूप ले लिया महराष्ट्र में तीन लाख से भी ज्यादा लोग पीड़ित हैं
सरकार भी क्या करें आपको ही जो करना हैं व करें इस रोग हेतु सबसे अधिक आवश्यकता हैं प्राण वायु की प्राणों का संरक्षण बिना प्राण वायु के नहीं हो सकेगा प्राण रहेंगे तो शरीर रहेगा, शरीर रहेगा तो धर्म रहेगा शरीर को रखने हेतु अन्न की आवश्यकता हैं |

स्वामी समंतभद्र आचार्य ने कहा की “यद् निष्ट तद  व्रतये“   धर्म को जीवन में रखना हैं तो पहले जो अनिष्ठ हैं उसका त्याग करों | जो जीवन के लिए घातक हैं उसका तो त्याग ही कर देना चाहिए, तभी धर्म सुरक्षित रहेगा आज मैं पूछना चाहता हूँ  की आप सब जाग्रत हैं या नहीं ?  कोल्ड स्टोरेज में फल फूल रखते हैं, कब से रखा हैं – पता नहीं |

अन्य वस्तुओं की तो शास्त्र में मर्यादा एक हफ्ते आदि बताई फिर इन साग सब्जी फल की मर्यादा ? चाहें नगर हो या ग्राम घर में हो या बाहर, बासी हो गया तो नहीं खायेंगे, बच्चों को भी नहीं देंगे, रोगी बन जायेंगे आज इसी से करोड़ो का व्यपार चल रहा हैं, अकाल में ही फल आदि आपको लाके दिए जा रहे हैं, आप भक्ष मान के खा रहे हैं, कैसे पढ़ें लिखें हैं आप ?
अपने आप को समझदार मान रहे हो – standard मान रहे हैं – जो बेमौस फल सब्जी खायेगा, निश्चित बेमौसम चला जायेगा डॉक्टर लोग भी इसे नहीं समझ पा रहे हैं कैसे पढ़े लिखें कहलायेंगे ?  कैंसर की पूरी सम्भावना हैं, प्राण घातक हैं ऐसे स्थान पर रख कर क्या धर्म सुरक्षित रख पा रहे हैं ? खेद के साथ कहना पड़ता हैं यह सब विदेशी शिक्षा का ही प्रति फल हैं |  रखने की तो छोड़ो, छूने योग्य भी नही हैं जो आटा आ रहा हैं, कब का हैं , पता ही नहीं |

ऐसे कोल्ड स्टोर में रखे पदार्थों को गैया तो क्या गधे भी उसे नहीं खाते आपकी कौनसी गतिविधि हैं कोई ज्ञान नहीं एक और फ़ास्ट फ़ूड की तरह सी फ़ूड भी होता हैं – सी फ़ूड और कुछ नहीं समुद्र के जीव जंतुओं को भोजन बना के खा रहे हैं आचार्यों ने ऐसे व्यक्तियों के साथ रहने को भी मना किया हैं |
आप इस विषय में सोच भी नहीं रहे हो | जो कुछ भी कोल्ड स्टोरेज में रखते हैं , वह खाना तो दूर  छूने योग्य भी नहीं दूसरा भाजी वाला इत्यादि में रंग छिड़क कर उन्हें ताज़ी ताज़ी बताते हैं – आपका तो भोजन ही नहीं होता हरी सब्जी के बिना आज उन्हीं से गंभीर बीमारियाँ किडनी आदि फैल हो रहे हैं  |
 
शुद्ध सात्विक भोजन करोंगे तब  ही धर्म को जीवित रख पाओंगे | कहते हुए मुझे बुरा नहीं लग रहा – शुद्ध भोजन में क्या क्या घुस गया सोच लो प्राणों की रक्षा हेतु साग सब्जी कुछ नहीं, अन्न चाहिये अन्न से ही प्राण बच सकते हैं अन्न को बीज भी कहते हैं 6 महीने तक सूर्य के ताप को सहन करता हैं, तपस्या के बिना बलिष्ट खाने योग्य नही बन सकता खून का बनना अलग बात, बन कर उसका टिके रहना अलग बात इसलिए क्या खा रहे हैं थर्मामीटर से तापमान नापते हैं, तापमान अर्थात भीतर की गर्मी, साग सब्जी से वह गर्मी नहीं आती, अन्न से ही वह गर्मी आएगी|  जठराग्नि प्रदीप्त होगी तभी पाचन शक्ति अच्छी होगी तापमान गिरते जा रहा हैं अब तो हिमपात भी होने लगा रक्त संचार भी तभी जठराग्नि उदीप्त हैं, उद्दीपन हेतु बीज चाहिये| शरीर को बीज /अन्न का कीड़ा कहा, फल या साग सब्जी का नहीं अन्न खाओ, दो रोटी किसान खाता हैं तो सुबह से  शाम तक काम करता रहता हैं गर्मी के दिन में थोड़ा सा सतवा घोल कर पी लिया अब कहीं भी जाओ, लू भी कुछ नहीं कर सकती  आज पानी तक दूषित हो गया, वनस्पति पर कीट नाशक छिड़कते हैं , वह तो प्राण घातक ही हैं |
 
अंगूर (दाक्ष) आदि को कीड़े से बचाने के लिए पानी में डुबोते हैं उसमे दवा भी रहती हैं जो अंगूर के भीतर तक चले जाती हैं | पैसा भी गया, प्राण भी गए सब गया रोग और भयानक हो गया अब तो सोचो कोल्ड स्टोरेज के पदार्थ जीवन रक्षक नहीं वे तो जीवन भक्षक हैं जब तक परिक्षण, नीरक्षण अथवा निर्णित नहीं  तब तक कैसे कुछ भी खा सकते हैं
 
अब सब कहने लगे फ़ास्ट फ़ूड मत खाओ, सी फ़ूड बंद करो क्यों हुआ परिणाम सामने हैं पर कोल्ड स्टोरेज के पदार्थों से कोई नहीं डर रहा बल्कि निर्भीक होके प्रयोग कर रहे हैं ऐसे में सम्यक दर्शन आएगा ही नहीं आप कैसे माता पिता, कैसे संरक्षक हैं ? इसे घर से बहार निक़ालना ही पड़ेगा हमे तो बहुत विस्मय होता हैं कल संघ के मध्य भी रखा था सभी महाराज जी ने कहा इसे हाथ भी न लगाये यह सब चीजें घर में आनी नहीं चाहिये आपकी क्वालिफिकेशन का क्या हम ऐसा आशीर्वाद कभी नहीं देंगे |
 
धर्म के झंडे को ऊँचा रखना हैं तो इन सब का त्याग करना होगा |  आपके बाप दादाओं ने जो इतनी मेहनत से तैयार किया उस धर्म को सुरक्षित रखना हैं | कुछ कटु शब्द का प्रयोग किया किन्तु आवश्यक था |_ ग्रंथो में आया हैं बिना कुछ कहे, बिना कुछ पूछे भी हमे बोलना चाहिए | इतना ही पार्यप्त हैं |  अहिंसा परमो धर्म की जय |
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बीना 2/12/2020 हर्षोल्लास से मनाया गया आचार्य श्री का 49 वाँ आचार्य पद आरोहण दिवस
प्रतिभास्थली प्रणेता,पूर्णायु प्रदाता,अहिंसा के सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 49 वां आचार्य पद आरोहण दिवस,आचार्य श्री के परम शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी के ससंघ सानिध्य में सानन्द सम्पन्न हुआ। बीना जिला सागर मध्य प्रदेश के श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा में 2 दिसंबर को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आचार्य पद आरोहण दिवस भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में हर्षोल्लास से मनाया गया । प्रातः काल अभिषेक, शांतिधारा, पूजन एवं विशेष द्रव्यों से आचार्य श्री की पूजन एवं आचार्य छत्तीसी विधान हुआ। दोपहर में वृक्षारोपण एवं गरीबों को वस्त्र ,औषधि ,फल, मिष्ठान वितरण किया गया । आचार्य श्री की 49 दीपों से भव्य महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भक्तिमय आयोजन हुआ । लोगों ने भक्ति भाव से नृत्य करके हर्षोल्लास पूर्वक यह महा महोत्सव मनाया । इस कार्यक्रम में पंचायत कमेटी़ , गौशाला कमेटी ,नवयुवक मंडल,महिला मंडल ,बालिका मंडल, पाठशाला परिवार का विशेष सहयोग रहा । मुनि श्री भावसागर जी द्वारा रचित आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आरती की गई। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि हमें आचार्य श्री के माध्यम से अपना कल्याण करना चाहिए।आचार्य परमेष्ठी पंचवटी में बीच में विराजमान होते हैं वह दोनों जगह ऊपर नीचे तालमेल बनाकर रहते हैं।
मुनि श्री भाव सागर जी ने आचार्य श्री की भावना को बेहद खूबसूरती से भक्तों को बताया कि आचार्य श्री सारे संसार की भलाई की भावना रखते हैं,इसी क्रम में उन्होंने बालिकाओं की रक्षा के लिए प्रतिभास्थली की स्थापना की है उसमें बेटियों को बेहतर तालीम के साथ संस्कारों का ज्ञान कराया जा रहा है वहीं लोगों की सेहत का ख्याल करते हुए उनकी वैयावृत्ती के लिए पूर्णायु और भाग्योदय जैसे तंदुरुस्त रखने वाले संस्थानों की स्थापना गुरुदेव की भावना से हुई है इसके साथ ही बेरोजगारों को बेहतर दिशा और मार्गदर्शन के साथ साथ वस्त्रों के जरिए होने वाली हिंसा को रोकने के लिए आचार्य श्री ने हथकरघा की स्थापना का संदेश दिया जिसके चलते देश भर में एक बार फिर हथकरघा की बड़ी तादाद में स्थापना हुईं हैं । इन हथकरघों के जरिये अब अहिंसक वस्त्र तैयार हो रहे हैं और इनके इस्तेमाल से धर्म का पालन तो हो ही रहा है साथ ही कपड़ों से होने वाली हिंसा को भी रोका जा रहा है ।
मुनि श्री अचल सागर महाराज ने आचार्य श्री के संस्मरण सुनाते हुए धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने आचार्य पद बहुत मनाने के बाद ग्रहण किया था।

बीना 16/08/2020
देश के प्रति बहुमान रखना महत्वपूर्ण है – मुनि श्री
(स्वतंत्रता दिवस पर दिया विशेष उद्बोधन)
दश लक्षण महापर्व केसे मनाए यह बताया
राष्ट्रहित चिंतक,सर्वश्रेचष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमलसागर जी महाराज
मुनि श्री अनंतसागर जी महाराज
मुनि श्री धर्मसागर जी महाराज
मुनि श्री अचलसागर जी महाराज
मुनि श्री भावसागर जी महाराज
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर मध्य प्रदेश मे विराजमान है इस अवसर पर को ऑनलाइन उद्बोधन मे
मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि
23 अगस्त से 1 सितंबर तक दिगंबर जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व प्रारम्भ हो रहे है!
इस बार कोरोना के कारण पूर्व जैसे पर्व नहीं मना पाएंगे लेकिन घर पर रहकर ही यह पर्व मनाना है! मांगलिक क्रियाएं तो होंगी लेकिन सभी को अवसर प्राप्त नहीं होगा! शासन प्रशासन के वर्तमान नियमों का पालन करते हुए हमें पर्व मनाना है !पर्व हमें पवित्रता , प्रसन्नता , उत्सव , शुभ अवसर प्रदान करते हैं! यह मंगल काल माना जाता है, जो मैत्री प्रदान करता है! पर्व एक अलार्म बेल है! पर्व एक इंजेक्शन है जो एनर्जी देते हैं! पर्व नेतृत्व प्रदान करते हैं! पर्व दिशासूचक यंत्र का कार्य करते हैं ! पर्व आत्मनिरीक्षण, आत्म जागृति, आत्मा की उपलब्धि प्रदान करते हैं ! दश लक्षण महापर्व में जो उपवास होते है उसमे दिगंबर जैन धर्म के अनुसार चारों प्रकार के आहार का त्याग उपवास कहलाता ह! यदि किसी की सामर्थ्य नहीं है तो जल, दूध आदि तरल पदार्थ लेकर भी उपवास करते हैं ! वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध किया है कि पूरे विश्व में लगभग 80 प्रतिशत जल है हमारे शरीर में भी 80% जल है इसलिए उपवास के माध्यम से बरसात में जो जल की मात्रा है वह बढ़ जाती है उसको कम करने के लिए उपवास किया जाता है! अष्टमी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावस्या में समुद्र में भी जल की मात्रा बढ़ जाती है इसलिए कई अपराध भी इन तिथियों में बढ़ जाते हैं इसलिए वेज्ञानिक दृष्टि उ
पवास फायदेमंद है! निर्जल उपवास या तरल पदार्थ लेकर उपवास कर सकते हैं या एकासन अर्थात एक बार भोजन जल ग्रहण करें या यह नहीं कर पा रहे हैं तो दो बार शुद्ध भोजन ग्रहण करें !अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन ऑनलाइन देखने मिलेगी तो देख कर धार्मिक क्रियाएं घर पर करे ! स्त्रोत पाठ और जाप घर पर करें गर्म जल सभी रोगों की दवा है उबला जल सभी बीमारियों को दूर करता है शांति धारा में विश्व मंगल की कामना की जाती है दुनिया के सभी लोगों के लोग ठीक हूं ऐसी भावना से यह शांति द्वारा की जाती है मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि कल स्वतंत्रता दिवस था हमें स्वतंत्र हुए कितने वर्ष हो गए स्वतंत्र नहीं हुए अंग्रेजों के जाने के बाद भी स्थिति अच्छी नहीं है हमारा देश सोने की चिड़िया था जो आजादी के बाद होना था देश को आत्मनिर्भर बनाने का वह अब हो रहा है हमारे देश को गुलामी की आदत पड़ चुकी है हमारे ऊपर शासन करने वाले लोकतंत्र की कमी है जब देश को गुलाम बनाना था तो अंग्रेजों ने व्यवसाय आदि को बंद कर दिया था आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज कहते हैं कि भारत को इंडिया नहीं भारत बनाना है अपने देश का अभिमान जब तक हम नहीं समझेंगे तब तक आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे स्वतंत्रता की बात तो कर रहे हैं लेकिन स्वतंत्र नहीं है अभी तो हम गुलाम हैं हमें आजादी को प्राप्त करना है स्वतंत्रता में उत्तरदायित्व की भावना होती है 73 वर्ष के बाद आत्मनिर्भर भारत की बात चल रही है आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा है कि हमारी मातृभाषा में जब तक शिक्षा नहीं होगी तब तक हम स्वतंत्र नहीं होंगे स्वदेशी वस्तुएं अपनाएंगे तभी हम स्वतंत्र होंगे देश के प्रति बहू मान रखना अपूर्ण है अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम आदि नहीं पढ़ आएंगे तो हम स्वतंत्रता का अनुभव कैसे कर पाएंगे हरदा के वस्त्रों को यदि उपयोग करेंगे तभी स्वदेशी के समर्थक बनेंगे चीन की वस्तुएं खरीदी और देख लिया कि हमारे ऊपर हावी होने लगा बढ़ावा तो हम ने ही दिया है तात्कालिक लाभ के लिए आज भारत बहुत बड़ा निर्यातक होता यदि ऐसी भावना बनी रही तो ना देश की तरक्की होगी ना समाज की इसलिए हमें स्वतंत्रता का अनुभव करना है

बीना १९/०६/२०२०
विदेश से अच्छा अपना देश है- मुनि श्री
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी, 
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी, 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
चर्चा करते हुए मुनि श्री अचल सागर जी ने बताया कि , आज कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्राभावित् है l जिस व्यक्ति को जीने की कला नहीं आयी उसका जन्म और मरण दोनों व्यर्थ हैl धर्म के माध्यम से ही जीने की कला आती है l पहले से ही श्रद्धा, आस्था कम थी अब कोरोना के कारण धर्म से दूर हो गए है l रोग आते है तो शिक्षा देकर जाते है कि हम अपने जीवन को परिवर्तित करे l पुण्य बढ़ेगा तो रोग दूर हो जायेंगे l २४ घंटे कोरोना के समाचार सुनकर इससे सावधान होकर पुण्य के कार्य करे l धर्म ही सही वीमा है; जो जीवन के साथ भी है और जीवन के वाद भी है l

मुनि श्री विमल सागर जी ने धर्म चर्चा मै वताया की काय की चिकित्सा के लिए आयुर्वेद की रचना की है l और मन की चिकित्सा के लिए अध्यात्म ग्रंथों की रचना की है l बहुत सारे लोग विदेश गए थे धन कमाने के लिए लेकिन कोरोना के कारण परेशानी आ गई विदेश से अच्छा अपना देश है l जिसके जीवन में धर्म वृद्धि होती जाएगी सभी वृद्धि होती जाएँगी l

प्रेषक

रितेश मिडला ९९८१०४८५३९
विकास सिंघई ९२०२४०४८२९

विवरण (1) अपडेट: 12/05/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन से हुए
पंचकल्याणक महोत्सव सन् 2009 से 2020 तक
(1) 6 से 12 फरवरी 2010 , बेलखेड़ा जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108 सुव्रत सागर जी, मुनि श्री 108 आगम सागर जी , मुनि श्री 108 विशद सागर जी, मुनि श्री 108 अतुल सागर जी
(2) 10 से 16 दिसंबर 2010 , इटारसी (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108 अजित सागर जी ससंघ, मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108 अनंत सागर जी मुनि श्री 108 विशद सागर जी, ऐलक श्री 105 विवेकानंद सागर जी
(3) 29 नवंबर से 5 दिसंबर, 2011 जबेरा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108 अनंत सागर जी , मुनि श्री 108 विशद सागर जी
आर्यिका 105 तपोमति माताजी ससंघ,
आर्यिका 105 उपशांतमति माताजी ससंघ
(4) 03 से 08 फरवरी 2012, बांदकपुर जिला दमोह(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री 108 अनंत सागर जी , मुनि श्री 108 विशद सागर जी,
आर्यिका 105 उपशांतमति माताजी ससंघ,
आर्यिका 105अपूर्वमति माताजी ससंघ
(5) 16 से 23 जनवरी 2014 , देवरी कलां जिला सागर (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108 अनंत सागर जी मुनि श्री 108 धर्म सागर जी, मुनि श्री 108 अचल सागर जी, मुनि श्री 108 भाव सागर जी,
(6) 31 जनवरी से 6 फरवरी 2014 ,झलौन जिला दमोह( मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 पवित्र सागर जी, मुनि श्री 108प्रयोग सागर जी (ससंघ) ,
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108अनंतसागर जी , मुनि श्री 108 धर्मसागर जी, मुनि श्री 108 अचल सागर जी, एवं मुनि श्री 108 भावसागर जी,
(7) 16 से 21 फरवरी 2014, बिलहरा जिला सागर (मध्य प्रदेश) सान्निध्य
मुनिश्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री 108 अनंत सागर जी, मुनि श्री 108 धर्म सागर जी मुनि श्री 108 अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108भाव सागर जी
(8) 15 से 21 फरवरी 2015, घंसौर जिला सिवनी (मध्य प्रदेश) सान्निध्य मुनि श्री 108अजित सागर जी ससंघ, मुनि श्री108 विमल सागर जी, श्री 108 अनंत सागर जी, मुनि श्री 108 धर्म सागर जी मुनि श्री 108 अचल सागर जी, मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री 108 भाव सागर जी,
आर्यिका 105 आदर्श मति माताजी ससंघ, आर्यिका105 अपूर्व मति माताजी ससंघ
ऐलक श्री 105विवेकानंद सागर जी
(9) 6 से 12 मार्च 2015, गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)
परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ ( 38 मुनि)
(10) 8 से 14 दिसंबर 2018, भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108 योग सागर जी ससंघ, मुनि श्री 108 पवित्र सागर जी ससंघ मुनि श्री 108 निर्णय सागर जी ससंघ , मुनि श्री 108 अभय सागर जी ससंघ ,मुनि श्री 108 प्रयोग सागर जी,मुनि श्री 108 प्रभात सागर जी,मुनि श्री 108 संभव सागर जी, मुनि श्री 108पद्म सागर जी, मुनि श्री 108पूज्य सागर जी, मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री 108अनंत सागर जी, मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108शैल सागर जी, मुनि श्री 108अचल सागर जी, मुनि श्री 108अतुल सागर जी, मुनि श्री 108भाव सागर जी, मुनि श्री 108निरीह सागर जी, मुनि श्री 108निस्सीम सागर जी एवं मुनि श्री 108शाश्वत सागर जी
आर्यिका 105ऋजुमति माताजी ससंघ,
आर्यिका105 गुणमति माताजी ससंघ,
आर्यिका 105अनंतमति माताजी ससंघ, आर्यिका 105अकंपमति माताजी ससंघ आर्यिका105 उपशांतमति माताजी ससंघ
(11) 20 से 26 जनवरी 2019, बांदरी जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी ,मुनि श्री108 अनंत सागर जी ,मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108 भाव सागर जी,
आर्यिका 105अनंत मति माताजी ससंघ
(12) 30 जनवरी से 04 फरवरी 2019 ,बरौदिया कलां जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी ,मुनि श्री108 अनंत सागर जी ,मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108 अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108 भाव सागर जी
(13) 12 से 18 मार्च 2019, खितौला जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,मुनि श्री 108 अनंत सागर जी,मुनि श्री 108 धर्म सागर जी, अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108भाव सागर जी
(14) 4 से 10 नवंबर 2019, करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,मुनि श्री 108अनंत सागर जी , मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108भाव सागर जी
(15) 13 से 19 नवंबर 2019, करकबेल जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री 108अनंत सागर जी, मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108अचल सागर जी एवं मुनि श्री 108भाव सागर जी
आर्यिका 105 श्री मृदुमति माताजी ससंघ,
आर्यिका श्री 105निर्णयमति माताजी ससंघ,
(16) 14 फरवरी से 20 फरवरी 2020, देवरी कलां जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य मुनि श्री108 प्रशांत सागर जी ससंघ, मुनि श्री108 निर्वेग सागर जी,
मुनि श्री108 विमल सागर जी ,मुनि श्री 108अनंत सागर जी ,मुनि श्री 108धर्म सागर जी, मुनि श्री 108अचल सागर जी, मुनि श्री 108भाव सागर जी एवं क्षुल्लक 105 देवानंद सागर जी।
लघु पंचकल्याणक
(1) …………..2013, गंज मंदिर देवरी कलां जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,मुनि श्री 108अनंत सागर जी ,मुनि श्री 108अचल सागर जी
(2) ……….2014 , श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ अतिशय क्षेत्र पनागर जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री 108अनंत सागर जी, मुनि श्री 108धर्म सागर जी ,मुनि श्री 108अचल सागर जी, मुनि श्री 108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री 108भाव सागर जी मुनि श्री 108 विशद सागर जी, ऐलक श्री 105 विवेकानंद सागर जी

विवरण (2) 12/05/2020


मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन में हुए
मंदिर शिलान्यास सन् 2009 से 2020 तक
(1) ………. 2010, समवसरण भूमि पूजन, सिलवानी जिला रायसेन (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी , मुनि श्री108विशद सागर जी
(2)………….2010, श्री दिगंबर जैन नसिया मंदिर, भूमि पूजन, सिलवानी जिला रायसेन (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी , मुनि श्री108विशद सागर जी,
(3)……… मार्च 2011, पाषाण मंदिर भूमि पूजन,दिगंबर जैन मंदिर,गोपालगंज सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी ,मुनि श्री108 विशद सागर जी एवं
आर्यिका 105अनंतमति माताजी ससंघ
(4)………….2014, मंदिर भूमि पूजन ,श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,विद्या विहार कॉलोनी, देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,मुनि श्री108 अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी, मुनि श्री108अचल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(5) 21 जनवरी 2015 ,मंदिर भूमि पूजन,श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला (सिहोरा ) जिला जबलपुर(मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी एवं मुनि श्री108 भाव सागर जी
(6)………….2015 , मार्बल मंदिर भूमि पूजन ,श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन नवीन मंदिर तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी,मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(7)………….2016 , मंदिर भूमि पूजन ,श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, पाटन जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108 भाव सागर जी
(8)………….2016,मंदिर भूमि पूजन ,श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, शहपुरा भिटोनी जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,मुनि श्री108 धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(9)………….2017 ,मंदिर भूमि पूजन, श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर ,पिंडरई जिला मंडला (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,मुनि श्री108 मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(10)………….2018, मंदिर भूमि पूजन, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर ,छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(11)………….2018 ,मार्बल मंदिर भूमि पूजन ,श्री दिगंबर जैन चंद्र प्रभु जिनालय गौरझामर, जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(12)………….2018, पाषाण मंदिर भूमि पूजन, श्री दिगंबर जैन जिनालय एम पी नगर गौरझामर, जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108 भाव सागर जी
(13)………….2019, जैसलमेर पाषाण मंदिर, भूमिका करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
शिलान्यास में सान्निध्य नही रहा।
प्रेरणा/ मार्गदर्शन
मुनि श्री 108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,मुनि श्री108 धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी एवं मुनि श्री108 भाव सागर जी

विवरण (3). 12/05/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में आए देश प्रदेश के शासन, प्रशासन के महानुभाव (सन् 2009 से 2020 तक)
(1) मध्यप्रदेश शासन के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया चातुर्मास 2015, तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)।
(2) श्री कमलनाथ जी सांसद छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) महावीर जयंती 2017 के अवसर पर छिंदवाड़ा।
(3) 5 जुलाई 2019 को करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में हर्षित जैन एमआईटी पुणे ने दर्शन किए | इन्होंने 26 देशों की यात्रा की है एवं 154 देशों के रिसर्च की स्पीच हुई है इन्होंने मार्गदर्शन प्राप्त किया|
(4) “विश्व अहिंसा दिवस ” कार्यक्रम में 2 अक्टूबर 2019, सुभाष मैदान, करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में राज्यसभा सांसद माननीय श्री कैलाश सोनी जी नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) , विधायक श्री जालम सिंह पटेल तेंदूखेड़ा (नरसिंहपुर) मध्य प्रदेश, विधायक संजय शर्मा आए|
(5) माननीय श्री उदय राव प्रताप सिंह लोकसभा सांसद होशंगाबाद , 1 नवंबर 2019 पंचकल्याणक महोत्सव करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)।
(6) राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री (मध्य प्रदेश) माननीय श्री दिग्विजय सिंह एवं मध्य प्रदेश शासन के विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री एनपी प्रजापति नवंबर 2019 पंचकल्याणक महोत्सव ,करकबेल जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में आए|
(7) मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री हर्ष यादव जी ने 31 दिसंबर 2019 को श्री शांति धाम दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बीना बारह तहसील देवरी जिला सागर (मध्यप्रदेश) के वार्षिक मेला का ध्वजारोहण किया ।

विवरण (4) 04/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा / मार्गदर्शन मे बने संयम कीर्ति स्तंभ ।
(1) 17/01/2017
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास ,
पिंडरई जिला मंडला(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108अतुल सागर जी,
मुनि श्री108भाव सागर जी,
(2) 2017
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण ,
पिंडरई जिला मंडला(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी,
मुनि श्री108 अचल सागर जी,
मुनि श्री108 अतुल सागर जी,
मुनि श्री108 भाव सागर जी,
(3) 2017
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास
श्री दिगंबर जैन मंदिर ,केवलारी जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी मुनि श्री108अचल सागर जी मुनि श्री108अतुल सागर जी मुनि श्री108भाव सागर जी मुनि
आर्यिका 105अकंपमति माताजी ससंघ
(4) 2017
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण ,
श्री दिगंबर जैन मंदिर केवलारी, जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108अतुल सागर जी,
मुनि श्री108भाव सागर जी,
(5) 9 अप्रैल 2017 महावीर जयंती
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास, विधायक सिवनी श्री मुनमुन राय के द्वारा किया गया
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, सिवनी (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(6) 15 जून 2017
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण, बालाघाट सिवनी सांसद श्री बोध सिंह भगत एवं विधायक सिवनी श्री मुनमुन राय के द्वारा किया गया।
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सिवनी (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
(7) 2017
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास,
चौंरई जिला छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी मुनि श्री108अतुल सागर जी मुनि श्री108भाव सागर जी
(8) 22 जनवरी 2018
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास
छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
(9) 2018
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
(10) 4 अक्टूबर 2018
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी जी के द्वारा किया गया।
करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
प्रेरणा
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
ऐलक श्री 105दयासागर जी,
ऐलक श्री 105विवेकानंदसागर जी
(11) 24 अक्टूबर 2018, बुधवार, शरद पूर्णिमा
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण
करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
प्रेरणा
मुनि श्री 108अजित सागर जी(संघ सहित)
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
ऐलक श्री105 दयासागर जी, ऐलक श्री105 विवेकानंदसागर जी
(12)18 अप्रैल 2018 वैशाख शुक्ल तृतीया (अक्षय तृतीया)
संयम कीर्ति स्तंभ शिलान्यास
गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)
मार्गदर्शन सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(13) 16 अगस्त 2018, गुरुवार, श्रावण शुक्ल छठ
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण,
गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(14) 25 सितंबर 2018
संयम अहिंसा द्वार शिलान्यास, भूमि पूजन,
गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी
मुनि श्री108अतुल सागर जी
मुनि श्री108भाव सागर जी
(15) 18 दिसंबर 2019
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण गौशाला,
तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी,
मुनि श्री108भाव सागर जी
(16) 20 दिसंबर 2019
संयम कीर्ति स्तंभ लोकार्पण
श्री शांतिधाम दिगंबर जैन मंदिर, तारादेही जिला दमोह (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108भाव सागर जी
इसके अलावा मुनि संघ की प्रेरणा, मार्गदर्शन में लखनादौन जिला सिवनी (मध्य प्रदेश) धनौरा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश),घंसौर जिला सिवनी (मध्य प्रदेश), मंडला (मध्य प्रदेश), सिलवानी जिला रायसेन (मध्य प्रदेश) आदि स्थानों पर भी संयम कीर्ति स्तंभ बनाए गए हैं।

विवरण (5) 04/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन से हुए
वेदी शिलान्यास सन् 2009 से 2020 तक।
(1)………. 2011 वेदी शिलान्यास श्री दिगंबर जैन मंदिर, रहली जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108विशद सागर जी
(2)………. 2014 चौबीसी वेदी शिलान्यास, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108सुख सागर जी ससंघ, मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108मुनि श्री अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी क्षुल्लक श्री105 संयम सागर जी
(3) 9 मई 2016 वेदी शिलान्यास, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर ,शहपुरा भिटोनी जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(4) 2016 वेदी शिलान्यास, श्री दिगंबर जैन मंदिर धनौरा, जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(5) 2016, दो वेदी शिलान्यास श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, मंडला (मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(6)18 जनवरी 2017 वेदी शिलान्यास ,श्री दिगंबर जैन बडा़ मंदिर पिंडरई , जिला मंडला (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(7) ………..2018 मानस्तंभ शिलान्यास ,मेघा सिवनी गौशाला छिंदवाड़ा( मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी।
(8) 28 जून 2018 वेदी शिलान्यास, श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर ,करकबेल तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर( मध्य प्रदेश) सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी।
(9) 6 अगस्त 2018 वेदी शिलान्यास, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर ,गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री108 अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(10) 11/07/2018
वेदी शिलान्यास,
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, विद्या विहार काॅलोनी ,देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी, मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी, मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(11)……….2018 शिखर एवं वेदी शिलान्यास ,कलश मंदिर श्री दिगंबर जैन , हाता गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी, मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री 108अतुल सागर जी एवं मुनि श्री108भाव सागर जी
(12) 1 दिसंबर 2019 वेदी शिलान्यास एवं संत निवास, श्री दिगंबर जैन मंदिर कमोद तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108धर्म सागर जी ,
मुनि श्री108अचल सागर जी,
मुनि श्री108 भाव सागर जी

विवरण (6) 04/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य/ प्रेरणा /मार्गदर्शन में हुए विधान
सन् 2009 से 2020 तक
(1) 2009 विधान श्री दिगंबर जैन मंदिर, गोपालगंज ,सागर(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108 सुब्रत सागर जी,
मुनि श्री 108आगम सागर जी,
मुनि श्री 108विशद सागर जी,
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
(2) 2013 श्री 1008 सिद्धचक्र महा मंडल विधान , श्री दिगंबर जैन मंदिर, दीनदयाल नगर , सागर(मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108महासागर जी,
मुनि श्री108अचलसागर जी,
मुनि श्री108विशद सागर जी
एवं
आर्यिका श्री105 प्रभावनामति माताजी ससंघ (4 माताजी)
(3) 2013 सिद्ध चक्र महामंडल विधान, श्री दिगंबर जैन मंदिर देवरी ,जिला सागर(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(4) 2018 कल्याण मंदिर विधान ,श्री पारसनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, बगासपुर तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर(मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी,
मुनि श्री 108धर्म सागर जी
मुनि श्री 108अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(5 ) 8 से17 नवम्बर 2018 चौबीस समवसरण विधान श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बडा़ मंदिर, गौरझामर जिला सागर(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी,
मुनि श्री 108धर्म सागर जी
मुनि श्री 108अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री108 भाव सागर जी
(6) 2018 सिद्ध चक्र महामंडल विधान, श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बडा़ मंदिर ,गौरझामर जिला सागर(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री 108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी
मुनि श्री 108अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री 108भाव सागर जी
(7) 2018 पंच परमेष्ठी विधान, श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर हाता, गौरझामर ,जिला सागर(मध्य प्रदेश)सान्निध्य
मुनि श्री 108विमल सागर जी,
मुनि श्री108 अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी
मुनि श्री108 अतुल सागर जी
मुनि श्री 108भाव सागर जी
(8) 22 से 30 दिसंबर 2019सिद्ध चक्र महामंडल विधान ,श्री दिगंबर जैन बडा़ मंदिर ,महाराजपुर जिला सागर(मध्य प्रदेश)
सान्निध्य
मुनि श्री108 विमल सागर जी,
मुनि श्री 108अनंत सागर जी,
मुनि श्री108 धर्म सागर जी
मुनि श्री108 अचल सागर जी
मुनि श्री 108भाव सागर जी

विवरण (7) 04/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य/ प्रेरणा /मार्गदर्शन मे हुए 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक
सन् 2009 से 2020 तक
(1) चातुर्मास सन 2013
गंज मंदिर, देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश)
(2) 01 जनवरी 2014
मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमा का अभिषेक हुआ।
श्री1008 शांतिधाम शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, बीना बारह तहसील देवरी जिला सागर(मध्य प्रदेश)
(3) 07 फरवरी 2014
श्री1008 दिगंबर जैन मंदिर, झलोन जिला दमोह (मध्य प्रदेश)
(4) 2014
मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ , श्री 1008पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बडा़ मंदिर, गौरझामर जिला सागर(मध्य प्रदेश)
(5) 08/10/2014 शरद पूर्णिमा वार्षिक मेला
मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमा का अभिषेक, श्री1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, बड़ा मंदिर पनागर जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)
(6) चातुर्मास 2015
श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,विद्यानगर तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)
(7) 01 जनवरी 2016
श्री1008 आदिनाथ, भरत ,बाहुबली भगवान की खड्गासन प्रतिमा का 2016 कलशों से अभिषेक हुआ।
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र , कोनीजी तहसील पाटन जिला जबलपुर(मध्य प्रदेश)
(8) 2016
श्री 1008पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, शहपुरा भिट़ौनी जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)
(9) चातुर्मास 2016
श्री 1008पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,मंडला (मध्य प्रदेश)
(10) 1 जनवरी2017
श्री 1008 दिगंबर जैन बीच मंदिर , पिंडरई जिला मंडला (मध्य प्रदेश)
(11) 2017 महावीर जयंती
1008 कलशों से अभिषेक हुआ।
श्री 1008 दिगंबर जैन बड़ा मंदिर ,सिवनी (मध्य प्रदेश)
(12) चातुर्मास 2017
लगभग 1500 वर्ष से अधिक प्राचीन मूलनायक श्री 1008 महावीर भगवान की पाषाण की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ।
श्री दिगंबर जैन मंदिर, छपारा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
(13) 1 जनवरी 2018
श्री मूलनायक आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ, श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, गोलगंज छिंदवाड़ा( मध्य प्रदेश)
(14) 14 मई 2018
श्री मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ,
श्री 1008 पारसनाथ पंचायती दिगंबर जैन मंदिर ,गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
(15) 4 जुलाई 2018
श्री मूलनायक आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ, श्री1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,बगीचा करेली जिला नरसिंहपुर( मध्य प्रदेश)
(16) चातुर्मास 2018
मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ और मुनि संघ का प्रथम बार चातुर्मास हुआ , श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बडा़ मंदिर गौरझामर जिला सागर(मध्य प्रदेश)
(17) चातुर्मास 2019
श्री1008 दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
(18) 9 सितंबर 2019
1008 प्रतिमाओं का अभिषेक एवं विशेष शांतिधारा हुई।
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर ,करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
(19) 29 नवंबर 2019
मूलनायक की विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ, श्री1008 दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर, ठेमी तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
(20) 1 जनवरी 2020
श्री 1008 मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमा का अभिषेक हुआ।
श्री शांतिधाम शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र , बीना बारह तहसील देवरी जिला सागर(मध्य प्रदेश)
(21) 23 जनवरी 2020
मूलनायक श्री 1008आदिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा का अभिषेक हुआ।
श्री 1008दिगंबर जैन गंज मंदिर, देवरी जिला सागर(मध्य प्रदेश)
(22) 17 मार्च 2020
श्री1008 आदिनाथ जयंती पर 1008 कलशों से लगभग 700 वर्ष से अधिक प्राचीन मूलनायक श्री1008 आदिनाथ भगवान की पाषण की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ।
श्री1008 आदिनाथ दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर, खुरई जिला सागर (मध्य प्रदेश)

विवरण (8) 05/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन मे बनी दिव्य शांतिधारा झारी, अभिषेक कलश।
मंडला (मध्य प्रदेश)
छपारा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश) गंज मंदिर, शहर मंदिर, नायक मंदिर- झारी एक बनी और कलश सभी के अलग अलग बने।
गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश) महावीर जिनालय कलश, हांता, गुगवारा(झारी, कलश), पंचायती बड़ा मंदिर इन मंदिरों में अलग अलग बनवाये गए।
बांदरी जिला सागर( मध्य प्रदेश)
बरौदिया बेलई जिला सागर (मध्य प्रदेश)
बंडा जिला सागर (मध्य प्रदेश)
खितौला जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)
तारादेही जिला दमोह (मध्य प्रदेश)
महाराजपुर जिला सागर (मध्य प्रदेश)

विवरण (9) 05/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य/ प्रेरणा/ मार्गदर्शन में हुए विभिन्न विशेष कार्य (सन् 2009 से 2020 तक)
(1) आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय गौशाला, गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश )शिलान्यास 2018।
(2) 2017 को आचार्य श्री 108विद्यासागर जी महाराज के 50 वें मुनि दीक्षा दिवस “संयम स्वर्ण महोत्सव” पर आचार्य छत्तीसी विधान सिवनी (मध्य प्रदेश ) में किया गया और 120 ग्राम स्वर्ण का ग्रंथ बनाया गया। रजत, पीतल, ताम्र पत्र ग्रंथ विराजमान किये गए।
(3) 2018 को आचार्य श्री 108विद्यासागर जी महाराज के 51 वें मुनि दीक्षा दिवस पर आचार्य छत्तीसी विधान गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश ) में किया गया ।
(4) 7 जुलाई 2019 को आचार्य श्री 108विद्यासागर जी महाराज का 52 वें मुनि दीक्षा दिवस पर आचार्य छत्तीसी विधान ,करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में किया गया ।
(5) 23 जनवरी 2020 आदिनाथ निर्वाण महोत्सव श्री दिगंबर जैन गंज मंदिर, देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश ) में 125 किलो के लगभग रजत रथ की योजना बनी सभी ने चांदी का दान किया।
(6) 17 मार्च 2020
श्री आदिनाथ जयंती पर लगभग 700 वर्ष से अधिक प्राचीन मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान की पाषाण की प्रतिमा को रजत वेदी पर विराजमान करने हेतु योजना बनी और समाज के लोगों ने 100 किलो से ज्यादा चांदी दान करने की स्वीकृति दी, श्री आदिनाथ दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर ,खुरई जिला सागर (मध्य प्रदेश)
(7) 2019 संत निवास शिलान्यास,श्री दिगंबर जैन मंदिर खमरिया, तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
(8) 28 मार्च 2018 महावीर जयंती (त्रि दिवसीय कार्यक्रम )के अवसर पर 75 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों को सकल जैन समाज, छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के द्वारा सम्मानित किया गया।
(9) 2 अक्टूबर 2016 को जिला कारागार जेल मंडला (मध्यप्रदेश ) में मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज के प्रवचन हुए।
(10) 11 फरवरी 2018 को जिला कारागार (जेल ) छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश ) में मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 अचल सागर जी महाराज के प्रवचन हुए।
(11) सन 2014 देवरी जिला सागर (मध्य प्रदेश) सन 2014 झलौन जिला दमोह (मध्य प्रदेश) 2014 राजा बिलहरा जिला सागर (मध्य प्रदेश) 2015 घंसौर जिला सिवनी (मध्य प्रदेश ) 2015 गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश) 2019 बरोदिया कलां जिला सागर (मध्य प्रदेश ) में पंचकल्याणक महोत्सव की गजरथ फेरी में चार्टर्ड प्लेन के द्वारा पुष्प वर्षा हुई।
(12) रजत पत्र पर श्रुत स्कंध एवं आचार्य श्री 108विद्यासागर जी महाराज के चित्र शहपुरा भिटोनी जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश) दमोह (मध्य प्रदेश) कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र जिला दमोह (मध्य प्रदेश) सिवनी (मध्य प्रदेश ) मंडला (मध्य प्रदेश) छपारा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश) आदि स्थानों पर विराजमान किए गए।
(13) विश्व अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर पर मांस निर्यात बंद हो, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने , स्वदेशी वस्तु एवं हथकरघा वस्त्र उपयोग संबंधी पहल , नशा मुक्ति, ट्रेनों , कॉलेज , स्कूलों में शाकाहारी लोगों को शाकाहारी भोजन मिले इस हेतु रैली निकाली गई। पनागर जिला जबलपुर मध्य प्रदेश ,तेंदूखेड़ा जिला दमोह मध्य प्रदेश ,मंडला मध्य प्रदेश, छपारा जिला सिवनी मध्य प्रदेश, गौरझामर जिला सागर मध्य प्रदेश, करेली जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश में नशा मुक्ति एवं शाकाहार के प्रचार प्रसार हेतु रैली निकाली गईं।
(14) 29/01/2018 को छिंदवाड़ा से 14 किलोमीटर मेघा सिवनी गौशाला तक अहिंसा पद यात्रा। “अहिंसा युवारत्न सम्मान” गौशाला मेघा सिवनी जिला छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) में प्रदान किया गया।
(15) 30/05/17 श्रुत पंचमी श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सिवनी (मध्य प्रदेश) में पाठशाला का पुनः शुभारंभ एवं ग्रंथालय का शुभारंभ हुआ ।
(16) विशाल जाप अनुष्ठान श्री दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर, गोलगंज, छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में हुआ।
(17) समाधि मरण
श्री परमानंद लाल जैन बांसा जिला दमोह (मध्य प्रदेश) निवासी जिनकी उम्र 94 वर्ष थी। 28 मई 2019 से संलेखना साधना करके 7 जून 2019 शुक्रवार( ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी )को रात्रि 11बजे समाधि मरण किया।
(18) ……..नवीन वेदी की भूमिका बनी।
पंचायती बड़ा मंदिर, पाटन जिला जबलपुर (मध्य प्रदेश)

विवरण (10) 05/06/2020

ताम्रपत्र ग्रंथ विराजमान हुए 50 स्थानो पर।
आचार्य श्री 108 विद्या सागर जी महाराज के 50वें मुनि दीक्षा दिवस “संयम स्वर्ण महोत्सव” पर 50 स्थानों पर ताम्रपत्र ग्रंथ तत्त्वार्थ सूत्र, रत्नकरंडक श्रावकाचार , द्रव्यसंग्रह ,इष्टोंपदेश ,भक्तामर स्तोत्र ,श्रुत स्कन्ध,तीन लोक, समवशरण, आचार्य श्री विद्या सागर जी का चित्र एवं परिचय सान्निध्य/ प्रेरणा/मार्गदर्शन
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के शिष्य
मुनि श्री 108 विमलसागर जी महाराज
मुनि श्री108 अनन्तसागर जी महाराज
मुनि श्री108 धर्मसागर जी महाराज
मुनि श्री108 अचलसागर जी महाराज
मुनि श्री108 अतुलसागर जी महाराज
मुनि श्री 108भावसागर जी महाराज
इन स्थानो पर विराजमान हुए,

औरंगाबाद,सूरत,जयपुर, रायपुर,जगदलपुर,भिलाई, दुर्ग ,राजनांदगांव,मंडला, सिवनी,छपारा,छिंदवाड़ा , पिंडरई, केवलारी ,घंसौर, ललितपुर,सागर,रहली, महाराजपुर देवरी, बिलहरा, बिलासपुर, डिंडोरी, चांदपुर ,शहपुरा ( भिटौनी) ,सतना ,खितौला ,नागपुर, गौरझामर ,खुरई, सिलवानी ,धनौरा ,बेंगलुरू, सिंग्रामपुर ,चरगुंवा ,सहजपुर, पनागर,भोपाल,कोतमा , कटंगी ,बालाघाट ,सीहोरा, नरसिंहपुर,आरोन,गोटेगाँव, बबीना, टीकमगढ़,लखनादौन,बुढ़ार, दमोह आदि स्थानों पर विराजमान किये गए।

विवरण (11) 05/06/2020

मुनि श्री 108विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन में हुए दशलक्षण पर्व पर श्रावक संस्कार शिविर ।
(1)2 से11सितंबर2011 रहली जिला सागर (मध्य प्रदेश)
(2 )6 से 15 सितंबर 2016 मंडला (मध्यप्रदेश)
(3) 26 अगस्त से 5 सितंबर 2017, छपारा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
(3) 14 से 24 नवंबर 2018, गौरझामर जिला सागर (मध्यप्रदेश)
(4) 3 से 12 सितंबर 2019, करेली जिला नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)
इन शिविरों में रहकर श्रावकों ने तप, नियम , ध्यान , सामायिक, पाठ, जाप, साधना, स्वाध्याय, उपवास आदि करके अपनी जीवन शैली में परिवर्तन किया है।

विवरण (12) 05/06/2020

मुनि श्री108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा/ मार्गदर्शन में हुए ग्रीष्मकालीन ज्ञान संस्कार शिविर
(1) 26 मई से 5 जून 2016, शहपुरा भिटोनी जिला जबलपुर(मध्यप्रदेश)
(2) 11 जून 2017, सिवनी (मध्य प्रदेश)
(3) 24 मई से 3 जून 2018, गोटेगांव जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)
इन शिविरों में प्रवेश लेकर अवाल वृद्ध ने ज्ञान, ध्यान , स्वाध्याय, पाठ आदि करके जीवन परिवर्तन किया है।

विवरण (13) 05/06/2020

मुनि श्री 108विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य/ प्रेरणा /मार्गदर्शन में लगे”संयम स्वर्ण महोत्सव ध्यान योग शिविर”
छपारा जिला सिवनी (मध्य प्रदेश) रामटेक (महाराष्ट्र), बरेली, (बाड़ी) ( मध्य प्रदेश)
छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
केवलारी जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश) ,सम्मेद शिखर जी, चौरई, मंडी बामोरा, गंजबासौदा
मंडला( मध्य प्रदेश)
शहपुरा भिटोनी जिला जबलपुर( मध्य प्रदेश)आदि स्थानों पर शिविर आयोजित किए गए।

विवरण (14) 05/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में आए देश प्रदेश के शासन, प्रशासन के महानुभाव (सन् 2009 से 2020 तक)
(1) मध्यप्रदेश शासन के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया चातुर्मास 2015, तेंदूखेड़ा जिला दमोह (मध्य प्रदेश)।
(2) श्री कमलनाथ जी सांसद छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) महावीर जयंती 2017 के अवसर पर छिंदवाड़ा।
(3) 5 जुलाई 2019 को करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में हर्षित जैन एमआईटी पुणे ने दर्शन किए | इन्होंने 26 देशों की यात्रा की है एवं 154 देशों के रिसर्च की स्पीच हुई है इन्होंने मार्गदर्शन प्राप्त किया|
(4) “विश्व अहिंसा दिवस ” कार्यक्रम में 2 अक्टूबर 2019, सुभाष मैदान, करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में राज्यसभा सांसद माननीय श्री कैलाश सोनी जी नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) , विधायक श्री जालम सिंह पटेल तेंदूखेड़ा (नरसिंहपुर) मध्य प्रदेश, विधायक संजय शर्मा आए|
(5) माननीय श्री उदय राव प्रताप सिंह लोकसभा सांसद होशंगाबाद , 1 नवंबर 2019 पंचकल्याणक महोत्सव करेली जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)।
(6) राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री (मध्य प्रदेश) माननीय श्री दिग्विजय सिंह एवं मध्य प्रदेश शासन के विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री एनपी प्रजापति नवंबर 2019 पंचकल्याणक महोत्सव ,करकबेल जिला नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) में आए|
(7) मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री हर्ष यादव जी ने 31 दिसंबर 2019 को श्री शांति धाम दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बीना बारह तहसील देवरी जिला सागर (मध्यप्रदेश) के वार्षिक मेला का ध्वजारोहण किया ।

विवरण (15) 05/06/2020

मुनि श्री 108विमल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य / प्रेरणा /मार्गदर्शन में हुए पृथक कलशारोहण समारोह (सन् 2009 से 2020 तक)
(1) 2014 कलशारोहण श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, गुगबारा गौरझामर जिला सागर (मध्य प्रदेश)
(2) 2016 ध्वज दंड स्थापना श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, घंसौर जिला सिवनी (मध्य प्रदेश)
(3) 24/4/ 2019 कलशारोहण श्री दिगंबर जैन मंदिर, विजय नगर, दमोह (मध्य प्रदेश)
(4) 29/04/2019 कलशारोहण श्री दिगंबर जैन मंदिर, जबलपुर नाका ,दमोह (मध्य प्रदेश)

विवरण (16) 06/06/2020

मुनि श्री 108 विमल सागर जी महाराज की उपवास साधना
कर्मदहन के 157 उपवास
चौसठ ऋद्धि के 65 उपवास
रोहिणी व्रत के 60 हो गए है व 8 शेष है।
अष्टाह्निका के 44 हो चुके है और जारी है।
मुनि श्री 108 अनंत सागर जी महाराज की उपवास की साधना
णमोकार मंत्र के 37 उपवास किये है।
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज की उपवास की साधना
चौबीस तीर्थंकर के 25 उपवास जल उपवास सहित किए।
चौसठ ऋद्धि के 65 उपवास किए।
कर्म दहन के 157 उपवास किए।
तत्वार्थ सूत्र के 10 उपवास किए।
मुनि श्री 108 अचल सागर जी महाराज की उपवास की साधना
चौसठ ऋद्धि के 65 उपवास
कर्म दहन के 157 उपवास
णमोकार मंत्र के 36 उपवास
भक्तामर स्तोत्र के उपवास जारी है।
मुनि श्री 108 भाव सागर जी की उपवास की साधना
64 ऋद्धि के 65 उपवास किये है।

 

बीना १९/०६/२०२०
विदेश से अच्छा अपना देश है-

मुनि श्री
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी, 
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी, 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
चर्चा करते हुए मुनि श्री अचल सागर जी ने बताया कि , आज कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्राभावित् है l जिस व्यक्ति को जीने की कला नहीं आयी उसका जन्म और मरण दोनों व्यर्थ हैl धर्म के माध्यम से ही जीने की कला आती है l पहले से ही श्रद्धा, आस्था कम थी अब कोरोना के कारण धर्म से दूर हो गए है l रोग आते है तो शिक्षा देकर जाते है कि हम अपने जीवन को परिवर्तित करे l पुण्य बढ़ेगा तो रोग दूर हो जायेंगे l २४ घंटे कोरोना के समाचार सुनकर इससे सावधान होकर पुण्य के कार्य करे l धर्म ही सही वीमा है; जो जीवन के साथ भी है और जीवन के वाद भी है l
मुनि श्री विमल सागर जी ने धर्म चर्चा मै वताया की काय की चिकित्सा के लिए आयुर्वेद की रचना की है l और मन की चिकित्सा के लिए अध्यात्म ग्रंथों की रचना की है l बहुत सारे लोग विदेश गए थे धन कमाने के लिए लेकिन कोरोना के कारण परेशानी आ गई विदेश से अच्छा अपना देश है l जिसके जीवन में धर्म वृद्धि होती जाएगी सभी वृद्धि होती जाएँगी l
प्रेषक-
रितेश मिडला ९९८१०४८५३९
विकास सिंघई ९२०२४०४८२९

बीना 20/06/2020
देश की रक्षा में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें

मुनि श्री
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी, 
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी, 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
धर्म चर्चा करते हुए मुनि श्री भाव जी सागर जी महाराज ने बताया कि कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है लेकिन इससे डरना नहीं है सावधानी रखना है l यह उम्र, जाति, अमीर- गरीब को नहीं देखता है। किसी पर भी आक्रमण कर सकता है। शासन प्रशासन के द्वारा बतायी गयी सावधानियां रखना है। यह बीमारी बरसात में और बढ़ सकती है । आप भाव से पूजा, भक्ति, स्त्रोत ,पाठ, जाप करते रहे और दर्शन भी करें। पंचम काल के अंत तक धर्म लगभग 18500 वर्ष तक रहेगा इस काल में परेशानियां तो आएंगी , और धर्म भी अंत तक रहेगा ।देश की रक्षा में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें और शांति धारा में उनका स्मरण करें । आपको स्वदेशी वस्तुएं अपनाना है । आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 53 वा मुनिदीक्षा दिवस पूरे विश्व में 25 जून को मनाया जाएगा। आप अपने घर पर अच्छे से यह मनाएं । आज हम गौशाला देखने गए थे उसको अति शीघ्र नवीन स्थान पर बनाना है जिससे गौ रक्षा हो सके ।आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से पांच स्थानों पर विश्व की श्रेष्ठ शिक्षा स्थली संचालित हो रही है जिसके माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा, संस्कार एवं सुरक्षा मिल रही है। अच्छा बोलने वाले से सभी प्रभावित होते हैं । प्रातः काल उठने से ऑक्सीजन मिलती है जिससे फेफड़े अच्छे रहते हैं और कोरोना से बचाव होता है । धर्म चर्चा मे मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने बताया कि, जो प्रभु और गुरु की भक्ति करता है वह बहुत कुछ प्राप्त कर लेता है । एक सच्चे प्रभु के भक्त की मदद करने से बहुत पुण्य का अर्जन होता है ।जो गुरु की सेवा करता है, दान देता है , पूजन भक्ति करता है , बहुत पुण्य का अर्जन कर लेता है । परिवार के साथ रहना पुण्य के उदय से होता है ।एक साथ परिवार मिलकर धार्मिक क्रियाएं करता हैं तो बहुत अच्छा माना जाता है ।अपने देश की रक्षा करने वाला उत्तम पुरुष माना गया है । आचार्य श्री ने भारत की संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए हजारों ब्रह्मचारिणी बहनों को शिक्षा के लिए समर्पित किया है । बालिकाओं की सुरक्षा महत्वपूर्ण है । दुनिया में अन्य जगह ऐसी शिक्षिका नहीं मिलेंगी । अच्छी बात अपना लेते हैं तो जीवन बहुत सुंदर बन सकता है । विषय भोगो के लिए बहुत मेहनत करते हैं और इनको छोड़ना कठिन कार्य होता है । श्वास का भरोसा नहीं रहता है ।
प्रेषक-
रितेश मिडला ९९८१०४८५३९
विकास सिंघई ९२०२४०४८२९

बीना 22/06/2020
आप को धन ज्यादा महत्व देते हैं या धर्म को मुनि श्री-

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी, 
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी, 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
धर्म चर्चा करते हुए मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि एक तोता था जो सोच रहा है कि आजाद हो जाऊं |आप धन को ज्यादा महत्व देते हैं या धर्म को को ज्यादा महत्व देते हैं | दिन-रात उठते बैठते आप धन के चक्कर में रहते हैं |आप जीने के लिए खाए खाने के लिए नहीं जिए| एक व्यक्ति जीने के लिए पैसा कमा रहा है ,और एक व्यक्ति पैसा कमाने के लिए जी रहा है | आत्मा के बारे में हम जरूर जागरूक हो जाएं , तो कल्याण हो जाए | जो मैं काम कर रहा हूं अपनी आत्मा के लिए कर रहा हूं, ऐसे भाव आएंगे तभी कल्याण होगा |
धर्म चर्चा में मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि जहां संत जाते हैं , वहां बसंत आ जाता है |आज टीवी मोबाइल के कारण संस्कार बिगड़ते जा रहे हैं |
प्रेषक-
रितेश मिडला ९९८१०४८५३९
विकास सिंघई ९२०२४०४८२९

बीना 23/06/2020

मुनि श्री प्रसाद सागर जी का ससंघआगमन एवं बिहार हुआ

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य  
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी, 
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी, 
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज
 श्री नाभि नंदन दिगंबर जैन मंदिर इटावा बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
23 जून को प्रातः काल मुनि श्री प्रसाद सागर जी , मुनि श्री उत्तम सागर जी, मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री पुराण सागर जी, मुनि श्री निकलंक सागर जी, का आगमन इटावा जैन मंदिर में हुआ| सभी ने जगह-जगह घर से आरती उतारी एवं मंदिर में मुनि श्री कुछ घंटे रहे | इसके पश्चात दोपहर में खुरई की ओर बिहार हो गया | 23 जून को रात्रि विश्राम गुरहा जी के फार्म हाउस में होगा |प्रातः काल 24 जून को खुरई में प्रवेश होगा | सभी ने मासक लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अगवानी की | इस अवसर पर धर्म चर्चा में मुनि श्री निकलंकसागर जी महाराज ने कहा कि आपको 10 दिगंबर मुनिराज के दर्शन हुए हैं |बीना जंक्शन पर ट्रेन आती हैं एवं चली जाती हैं |जैसा बीना देखा था उससे कई गुना बड़ा हो गया हैl जो दूसरों की निंदा नहीं करता और अपनी आत्मा का चिंतन करता है वह विशेष है |दूसरों की निंदा और अपनी प्रशंसा करने से विशेष कर्म का बंध होता है l साधु की संगति से पाप आदि नष्ट हो जाते हैं l
मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि बीना जंक्शन सार्थक हो रहा है l मुनि श्री प्रसाद सागर जी सेवा- वैयावृत्ति में कुशल है l वह पुण्यशाली है जिन्होंने निहार के लिए भूमि दान दी l मुनि श्री बहुत कुशलता से कार्य करते हैं l तीर्थों में निवास करना सारभूत है, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज प्रायः तीर्थों में ही चतुर्मास करते हैं l वह जहां चातुर्मास करते हैं वहां तीर्थ बन जाते हैं l सबसे ज्यादा संघ में रहने का सौभाग्य मुनि श्री प्रसाद सागर जी , महाराज मुनि श्री उत्तम सागर जी महाराज को प्राप्त हुआ है l 10 मुनिराजो का दर्शन मिला है हमारा सौभाग्य है l आप अपनी गाड़ी यहीं रोक ले और चातुर्मास यही हो जाए l अभी चातुर्मास पक्का नहीं है अभी बहुत समय है l इन मुनिराज का उपकार हमारे ऊपर बहुत है l पिछले वर्ष चातुर्मास दूसरे स्थान का मिला था लेकिन परिवर्तित हो गया था lमुनि श्री उत्तम सागर जी ने धर्म चर्चा मे कहा कि दान , पूजा और विधान श्रावको का संविधान है l
मुनि श्री प्रसाद सागर जी ने कहा कि जिंदगी एक पड़ाव है मोक्ष जाने के लिए l हम सभी जन्म लेते हैं , इंजॉय करते हैं और चले जाते हैं अपनी जिंदगी से बुराइयों को घटा दीजिए l हमें चतुर्मास के पहले 5 महाराज के दर्शन दमोह में हुए थे तो हमारा भोपाल में चतुर्मास अच्छा रहा l जंगल की भूमि के लिए जिन लोगों ने दान की स्वीकृति दी है वे बहुत साधुवाद के पात्र हैं l आचार्य भगवान के आशीर्वाद से पांच प्रतिभास्थली प्रारंभ हुई हैl यदि संस्कार जीवित है ,तो भारत रहेगा हमारे पूर्वजों ने जो संस्कार दिए हैं , वह जीवित रखना है l 25 जून को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मुनि दीक्षा दिवस है l ऐसे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जो उत्तम भावों से अच्छी भावना भातें रहते हैं l आचार्य श्री बातों बातों में आगम युक्ति से सब कुछ बता देते हैं l पुनः मुनि राजों के दर्शन हुए हैं तो आगामी चातुर्मास अच्छा संपन्न होगा l
प्रेषक-
रितेश मिडला ९९८१०४८५३९
विकास सिंघई ९२०२४०४८२९

बीना 25/06/2020
देश का सबसे मूल्यवान खजाना होता है युवा_

मुनि श्री
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है।
मुनि श्री भावसागर जी ने मुनि दीक्षा दिवस पर कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 53 वा दीक्षा दिवस है । उन्होंने निर्दोष ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करके एक महान कार्य किया है। देश का सबसे बहुमूल्य खजाना होता है युवा , युवा शक्ति देश के लिए अमूल्य निधि के समान है। युवावस्था जीवन का सबसे बेहतर समय है। भारत में 15 से 30 वर्ष के बालक को युवा माना जाता है। देश में नेतृत्व हमेशा लगभग 1% लोग करते हैं 90% लोग उन 1% लोगों की मुख्य शक्ति होते हैं तथा 80% लोग इन 10% लोगों का अनुसरण करते हैं ।
ऐ मेरे जवानों असंभव को संभव करने की अपार क्षमता सामर्थ व ऊर्जा हमारे भीतर समाहित है ।
बाल के भाल पर अपनी शक्ति साहस ब शौर्य से नया इतिहास लिखो ।
मैं अकेला क्या कर सकता हूं इसके बजाय हमेशा यह सोचे कि मैं क्या नहीं कर सकता ।
दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं सबl
सब कुछ संभव है ।
यही जीवन देश, धर्म, समाज सेवा के लिए मिला है !
आचार्य श्री जी ने भी ऐसा ही किया है।
आचार्य श्री की भावना है कि इंडिया को भारत बोला जाए,
हिंदी भाषा को विशेष महत्व दिया जाए
गायों की रक्षा की जाए
स्वदेशी वस्तुओं को महत्त्व दिया जाय। सभी लोगों को पूर्ण आयु प्राप्त हो जाए इसी उनकी भावना है।
कोरोना अतिशीघ्र वापस चला जाए ऐसी उनकी भावना है
लोकनतिक देव बन कर एक भव में मोक्ष प्राप्त करें ।
दीक्षा का अर्थ होता है इंद्रियों का दमन। एड्रेस और ड्रेस का बदल जाना और मंच और लंच का बदल जाना।
आचार्य श्री तीर्थंकर बनने की ओर अग्रसर हैं ।
आचार्य श्री एवं सभी साधु बोल रहे हैं कि आप सभी शासन, प्रशासन के नियमों का पालन करें ,
सोशल डिस्टेंस रखें ,
मास्क लगाएं
धार्मिक क्रियाएं स्थिति ,परिस्थिति को देखकर करें ,
आचार्य श्री को गरीब ,अमीर सभी की चिंता रहती है।
जो प्रभु का घर( मंदिर )बनाता है उसका घर भी अवश्य बन जाता है
मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि गुरु के बारे में बोलने को हमारे पास शब्द नहीं है ।
उनकी भक्ति करना सबके बस की बात नहीं है ।
आचार्य श्री पंचम काल के सर्वश्रेष्ठ साधक हैं ।
गुरु के उपकार को कभी भुलाया नहीं जा सकता
प्राचीन आचार्यों का इतिहास में महत्व है ।
आचार्य श्री की निर्दोष चर्या की परीक्षा एक विद्वान ने चुपचाप की लेकिन कुछ भी दोष नजर नहीं आया था।
आचार्य श्री की असाधारण वाणी है वाक् सिद्धि है उनको ।
उनका आचरण असाधारण है
गुरु अचेतन को चेतन धाम बनाते हैं। मूक माटी महाकाव्य लिखना साधारण बात नहीं है ।
ज्ञात हो कि मूक माटी पर पीएचडी डी लिट
, एम आदि हुई है
एवं देश के प्रमुख 283 विद्वानों ने अपनी समीक्षाएं लिखीं हैं
आचार्य श्री के दर्शन हेतु जबलपुर में एक मुख्यमंत्री का आना हुआ लेकिन बहुत देर बैठने के बाद भी आचार्य श्री कुछ पढ़ रहे थे तो उन्होंने चर्चा नहीं की और बिना चर्चा के वापस जाना पड़ा।
आज आचार्य श्री का ऑरा नापा तो सर्वाधिक निकला ।
आचार्य श्री ने जैन धर्म को बहुत आगे बढ़ाया है।
आचार्य श्री की महिमा का वर्णन करना हर किसी के बस की बात नहीं है।
मुनि श्री अनंत सागर जी ने गुरु के चरणों में भावांजलि अर्पित करते हुए बताया कि आचार्य श्री विद्यासागर जी का दीक्षा योग है जिसमें विवाह के बाद दीक्षा वाली व्यवस्था नहीं है।
आचार्य श्री के समय के मिनटो की कीमत होती है।
वह निराले संत है ।
ब्रह्मचारी अवस्था में गुरु ज्ञान सागर जी महाराज से मिलने की इतनी उत्कंठा थी कि भूख प्यास भी भूल गए और 2 दिन के उपवास हो गए थे।
गर्मी में भी रात्रि कठिनता से व्यतीत हुई थी ।
पूज्य ज्ञान सागर जी महाराज दीक्षा के पूर्व लोगों से परीक्षण करवाते थे
कि चरिया में यह सही है या नहीं, ज्ञान सागर जी महाराज ज्योतिष के ज्ञाता थे ।
उन्होंने पहले ही ब्रह्मचारी अवस्था में देख लिया था कि यह विद्याधर आगे मुनि विद्यासागर बनकर पूरी दुनिया में धर्म का डंका बजाएगा ।
बिनोली में 19 हाथी थे ।आचार्य श्री की अद्भुत दीक्षा हुई थी। समता की पराकाष्ठा आश्री विद्यासागर जी में देखी जाती है ।जो दीक्षा का विरोध कर रहे थे उन्हीं के यहां उपवास की पारणा हुई थी ।पारणा में मुनि श्री विद्यासागर जी ऐसे लग रहे थे।
जैसे बरसों के साधक हो। पूज्य ज्ञान सागर जी ने कहा था कि यह काया 5 वर्ष टिक गई तो हम बताएंगे कि मुनि विद्यासागर क्या व्यक्तित्व है।
विश्व प्रसिद्ध योगाचार्य ने जबलपुर में कहा था,
कि मैंने अनेकों संत देखे हैं लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर जी निर्विवाद संत है ।
मुनि श्री विमल सागर जी ने गुरु महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि उनके गुरु ने कहा था कि मुनि विद्यासागर महाराज की चरिया चतुर्थ कालीन है । उनकी ध्यान अवस्था को देखते हैं तो आश्चर्य कारी चरिया लगती है ।मुनि श्री अचल सागर जी ने विभिन्न आचार्यों के नाम लिए हैं। इस कलिकाल में एक ही संघ है जिसमें प्रायः सभी दीक्षित साधु बाल ब्रह्मचारी हैं। इन विषयों के बीच में दिगंबरतव को सुरक्षित रखना अतिशय कारी है ।यथार्थ रूप का दर्शन पुण्य कारी होता है। वह बिना नमक, मीठे ,हरे फलों के बिना भी ऐसे भोजन करते हैं जैसे 56 तरह के भोजन कर रहे हो । उनकी अंतरंग की शुद्धि से सभी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं । गुरुदेव अपने गुरुदेव के प्रति कितने समर्पित थे इससे बड़ा गुरु सेवा का उदाहरण देखने को नहीं मिलता है ।गुरुदेव के प्रति निष्ठा ,भक्ति, सेवा का फल जो वह आगे बढ़ते जा रहे हैं। मुनि श्री भाव सागर जी की अच्छी भावना रहती है वह कह रहे हैं कि सभी ब्रह्मचारी , ब्रह्मचारिणीयों की दीक्षा आचार्य श्री के कर कमलों से हो जाए ।सर्वश्रेष्ठ मंत्र विश्वास है। उनकी छवि मंत्र का काम कर जाती है। आपको कुछ भी नहीं आता है तो भी तर जाओगे लेकिन विश्वास रखो।
आचार्य श्री ने कहा था कि अपने हृदय में णमोकार मंत्र को रखना तो कल्याण हो जाएगा। संतोष से बड़ा कोई धन नहीं होता है। जब दौलत के पीछे भागते थे तो वह दूर भागती थी लेकिन दौलत से दूर हो गए तो वह पीछे भागती है ।
वैराग्य ही परम भाग्य है। हम सभी का सौभाग्य है ऐसे महान गुरु मिले हैं ।
प्रेषक:-
अक्षय जैन(ईलू) बीना
मो-8889961116

बीना 01/07/2020
दान देने से पूरी दुनिया में प्रसिद्धि फैलती है-मुनि श्री

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है।
-धर्म चर्चा करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा है कि दान से व्यक्ति की प्रसिद्धि दुनिया में फैलती है।भामाशाह का उदाहरण देकर बताया कि वह भी प्रसिद्धि को प्राप्त हुआ।मंदिर के लिए दान देने वाला महान होता है। पाषाण के जिनालय बनाने वाला अनंत गुना पुण्य प्राप्त करता है।पुण्य कार्यों का धार्मिक कार्यों का विज्ञापन,प्रचार,प्रसार होना चाहिए।दान देने से व्यक्ति कभी गरीब नहीं होता है। मनुष्य के धन की तीन गति होती है दान,भोग और नाश। उत्कृष्ट 25% मध्यम 70% जघन्य ने 10% अपनी कमाई का इतने प्रतिशत दान देना चाहिए। कोरोना रोग चल रहा है जीवन का कोई भरोसा नहीं है प्रतिदिन धार्मिक क्रियाएं अच्छे से करें, विशेष सावधानी रखें,शासन-प्रशासन भी सावधान कर रहा है।यदि आप के कारण किसी को कोरोना हो जाता है तो मंदिर आदि बंद हो जाते हैं तो आपको भी दोष लगेगा। लोग भजन में बोलते हैं छोटा सा मंदिर बनाएंगे और हम कहते हैं कि भावना भावना चाहिए कि बड़ा सा मंदिर बनाएंगे। व्यक्ति की प्रसिद्धि फोटो और नाम से होती है।जो भी व्यक्ति मंदिर की पूजन आदि की व्यवस्था करता है विशेष पुण्य शाली होता है। कंजूस सबसे बड़ा दानी होता है क्योंकि वह सब कुछ छोड़ जाता है और दूसरे लोग उपयोग करते हैं।जो मंदिर में प्रतिमा विराजमान करवाता है और मंदिर के लिए जो भी दान देता है उसकी महिमा का वर्णन करने के लिए कोई समर्थ नहीं है। कोरोना के कारण जीवन का कोई भरोसा नहीं है। आप मेरी भावना में पढ़ते हैं लाखो वर्षों तक जीऊ या मृत्यु आज भी आ जावे।आने वाली पीढ़ी महंगे मोबाइल,कार, मकान, दुकान टीवी ,वॉशिंग मशीन आदि तो खरीदेगी लेकिन मंदिर शायद नहीं बनवा पाए इसलिए जो भी आज पाषाण की धातु की प्रतिमा विराजमान कर रहे हैं पाषाण के मंदिर बनवा रहे हैं पुण्यशाली हैं।मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने धर्म चर्चा में कहा कि अभी आप मुनि भाव सागर जी को सुन रहे थे इनका विषय का एपिसोड पहला एक नगर में होता है दूसरा एपिसोड दूसरे नगर में होता है। जिन नगरों का विशेष पुण्य होता है उन्हीं नगरों में साधु आते हैं। कंजूसों का धन दूसरे ही उपयोग कर पाते हैं धर्म के क्षेत्र में यदि धन को वो दिया तो वह अनंत गुना फलता है। जो दान करता है उसका स्वर्ग में देव इंतजार करते हैं।यह तीन चीजें चिंता,निद्रा,क्षुधा आदि एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।पुण्य से ही पुण्य का बंध होता है।जो धन वैभव पाकर उसका सदुपयोग करते हैं वह पुण्य शाली होते हैं। चक्रवर्ती भी विषयों में आसक्त होकर दुर्गति को प्राप्त हो सकता है। धार्मिक अनुष्ठान में दोष कम लगता है लेकिन पुण्य का बंध होता है।अच्छे कार्यों का निषेध नहीं करना चाहिए। जो दान नहीं करते हैं वह दरिद्र हो जाते हैं।जिन्होंने प्रभु की महिमा समझी है वही अच्छे कार्य करते हैं। अपने घर तो अच्छे बनाते हैं और मंदिर बनाने के लिए विभिन्न तरह के विकल्प उत्पन्न करते हैं। एक बार भोपाल में एक व्यक्ति ने मंदिर के लिए दान दिया जो सामर्थ नहीं रखता था फिर भी दिया जिस दिन उदारता आ जाती है सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं। विदेशों में आरसीसी के मकान 60 वर्ष बाद धरासाई कर दिए जाते हैं।
प्रेषक अक्षय जैन(ईलू)बीना
मो.-8889961116
अंकित जैन मोदी
मो.-+91 78280 05005

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जैनत्व की गौरव गाथा भाग 1, 2
जिन सरस्वती हिन्दी पी डी एफ
णमोकार मन्त्र की महिमा
S.S.V.B.सूतक समाधान विशेष बिन्दु
आचार्य संघ दिनचर्या
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज प्रवचन / स्वाध्याय / ऑडियो एवं वीडीयो लिंक
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज संबंधी विशेष तिथियों की जानकारी
ससंघ दर्शन केलेन्डर
साधुओं की वैयाव्रत्ति कैसे करें
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दान चिंतामणी
जिन सरस्वती अग्रेजी
संपर्क सूत्र
1 संगीत कार
2 वेदी निर्माणकर्ता
3 शिखर निर्माणकर्ता
4 प्रतिमा निर्माणकर्ता
5 मार्बल मन्दिर निर्माणकर्ता
6 आर्किटेक्ट
7 इंजीनियर
8 वास्तुविद
9 मंगल कलश, ध्वजा, शिखर कलश, छत्र, चमर, भामंडल, टडित चालित यंत्र, ताम्र पत्र ग्रंथ

बीना 04/07/2020
सीना तो तानों पसीना तो बहाओ सही मार्ग में-

मुनि श्री
करोड़ों-अरबों खर्च करने के बाद भी गुरुओं का उपदेश प्राप्त नहीं हो पाता है,गुरुओं को भक्ति श्रद्धा से प्रसन्न कर सकते हैं।
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में चातुर्मास हेतु विराजमान है। मुनि संघ ने भक्तियां पढ़ कर चातुर्मास की स्थापना की कलश स्थापना 8 जुलाई को दोपहर 1:30 पर होगी। यह ब्रह्मचारी नितिन भैया जी इंदौर के निर्देशन में होगी। और 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जायेगा घर घर आचार्य श्री जी की पूजन होगी आरती की जायेगी।
-धर्म चर्चा करते हुए मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि हमारे जीवन में शांति आना चाहिए यदि शांति चाहते हो तो आसक्ति छोड़े। चातुर्मास करवाना चाहते हो तो शांति धारण करने का प्रयास करें। जो आप कर रहे हैं वह सही है यह सोचे। जीवन में शांति के उपाय के बारे में सोचना चाहिए। पैसा कमाने में ऐसे मस्त रहते हैं लेकिन फिर भी शांति नहीं मिलती है। मुनि श्री विमल सागर जी ने धर्म चर्चा में कहा कि विरले लोग होते हैं जो धर्म चर्चा करते हैं। सीना तो तानों पसीना तो बहाओं सही मार्ग में। सीना तो तानते हैं लेकिन सही मार्ग में नहीं। दुकानदारी विषय,भोगों में कितना पसीना बहाते हैं। धर्म पुरुषार्थ पूर्वक जो क्रियाएं की जाती है वह सही माना जाता है। चातुर्मास तो चाहिए है लेकिन आलसी नहीं बनना। 5 महीने धर्ममय जीवन बनाना है। आप जो भी कमाते हैं उस पर 25% माता-पिता का अधिकार होता है। यदि 50 वर्ष के हो गए हो तो अब धर्म कार्यों में लग जाओ। मोक्ष की प्राप्ति पुरुषार्थ मूलक होती है। टाल मटोल रवैया हमेशा परेशानी पैदा करता है। आलस के कारण कार्य की सिद्धि नहीं कर पाता है व्यक्ति। निद्रा के कारण भी कार्य की सिद्धि नहीं हो पाती है। प्रातः 4 से 5 बजे जो उठता है वह देव प्रकृति का है।आज कल व्यक्ति प्रातः काल 8-9 बजे तक सोते रहते हैं। कुशल कार्यों में अनादर करना प्रमाद है। सबसे बड़ा शत्रु प्रमाद है। अब आप लोगों को जागृत रहना है। आपको अपनी आत्मा को मंदिर बनाना है। बड़े-बड़े लोग भी वैभव के कारण अपना कल्याण नहीं कर पाते हैं। अभी सो रहे हैं सब व्यक्ति,सबको जगाओ। करोड़ों-अरबों खर्च करने के बाद भी गुरुओं का उपदेश प्राप्त नहीं हो पाता है। गुरुओं को भक्ति श्रद्धा से प्रसन्न कर सकते हैं। वर्तमान का किया गया पुरुषार्थ ही आगे भाग्य बनता है।
प्रेषक अक्षय जैन(ईलू) बीना
-मो.-8889961116
अंकित जैन मोदी बीना
78280 05005
अनिमेष जैन बीना
9399975776

बीना 05/07/2020
जो गुरुओं की आज्ञा में चलते हैं उनको सिद्धियां हो जाती हैं-मुनिश्री
(गुरु पूर्णिमा पर्व हर्ष उल्लास और भक्ति पूर्वक मनाया गया)

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में चातुर्मास हेतु विराजमान है। आज गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया घर घर आचार्य श्री जी की पूजन हुई आरती की गई।
-गुरू की महिमा की चर्चा करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा है गुरु भी शिष्य के बस में हो जाते हैं विनय के द्वारा। अधम प्रकृति के लोग विघ्नों के भय से निश्चित ही किसी कार्य को प्रारंभ ही नहीं करते मध्यम कोटि के मनुष्य विघ्नों के आने पर प्रारंभ किए गए कार्य को बीच में छोड़ देते हैं किंतु उत्तम प्रकृति के मनुष्य बार-बार विघ्नों के आने पर भी प्रारंभ किए हुए कार्य को नहीं छोड़ते हैं। अर्थात उसे पूरा ही करते हैं । इसी प्रकार जिस कार्य के लिए गुरु का आशीर्वाद मिला है हम सभी उस कार्य में तन-मन-धन से सहयोग करें गुरु की महिमा वर्णन करने के लिए कोई समर्थ नहीं है। गुरु शिष्य के ऊपर बहुत उपकार करते हैं और गुरु का उपकार शिष्य कभी नहीं चुका सकता है। मुनि श्री अचल सागर जी ने कहा कि गुरु शिष्य को भी महान बना देते हैं। जब तक विनय नहीं आए शिक्षा किसी काम की नहीं जब तक विनय नहीं आएगी तब तक समर्पण नहीं आता है। मन का समर्पण विरले लोग कर पाते हैं। शिष्य भी समर्पित होता है तभी कार्य होता है। गुरु के माध्यम से हित ही होता है। गुरु शिष्य को कैसे संभालते हैं यह महत्वपूर्ण है। यदि गुरु को अपना मानोगे तो कुछ परिवर्तन आएंगे। जिस व्यक्ति की दृष्टि झूठी होगी उसको गुरु नहीं दिखते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु जरूर होना चाहिए। गुरु के माध्यम से उदारता आती है जीवन में। जो गुरु को अपना मान लेता है भाई सही से सोता है गुरु के चरण मेरा मंदिर है गुरु पूर्णिमा का अर्थ है गुरु पूर्ण मां के समान होते हैं जो इस संसार के बाहर निकालने का सोचते हैं वह गुरु होते हैं। मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि योग्य गुरु का मिलना कठिन होता है। अच्छे कार्य की शिक्षा देने वाले गुरु मिलना दुर्लभ है। गुरु के दर्शन से सब कुछ बदल जाता है। आपको ऐसे गुरु की तलाश करना है जो आपका जीवन अच्छा बना सकें। मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि जब तक सच्चे गुरु नहीं मिलते हैं तब तक शिष्य अंधकार में रहता है। गुरु वहीं होते हैं जो शिष्य को सब कुछ प्रदान करते हैं गुरु की महिमा महत्वपूर्ण है। ध्यान का मूल गुरुओं की मूर्ति है। गुरु का ध्यान लगाओगे तो अपने आप ध्यान में मन लग जाएगा। गुरुओं के वचन मंत्र का कार्य करते हैं। महाकवि पूज्य आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज ने कहा था कि अपने संघ को गुरुकुल बनाना है। आचार्य श्री ने इसको अपनाया और आज उनकी प्रसिद्धि दुनिया में फैली है। जो गुरुओं की आज्ञा में चलते हैं उनको सिद्धियां हो जाती हैं। गुरु आज्ञा से छोटे गांव में भी चातुर्मास अच्छे से होता है। गुरु की जहां छाप लग जाती है सभी सिद्धियां हो जाती हैं सुख का मूल है तो वह है गुरुओं का दर्शन। गुरु की आज्ञा पालन करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। गुरुओं के आशीर्वाद में बहुत शक्ति होती है।

बीना 08/07/2020
अवसर जब आते है दबे पांव आते हैं-मुनि श्री

मंगल कलश स्थापना संपन्न हुई
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में कलश स्थापना 8 जुलाई को ब्रह्मचारी नितिन भैया जी इंदौर के निर्देशन में संपन्न हुई
इस अवसर पर मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि आप के चमत्कारी चिंतामणि पारसनाथ भगवान की और गुरुदेव की कृपा हुई और चातुर्मास मिला। अवसर दबे पांव आते हैं और जब जाते हैं तो पंख लगाकर उड़ जाते हैं। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अनेक दोहे लिखे हैं लेकिन उनमें रहस्य छुपा हुआ है। अभी संक्रमण काल चल रहा है बच कर रहना है। धन में जीवन खो दिया तो व्यर्थ चला जाएगा। अनंत परिवर्तन इस जीव ने किए हैं। नौ ग्रह इतने खतरनाक नहीं है जितना परिग्रह है।एक उदाहरण दिया सर सेठ हुकुमचंद का जिनको घाटा लग रहा था दान दिया तो घाटे की पूर्ति हो गई। मुनि श्री चंद्रप्रभ सागर जी जब गौरझामर में आए थे उन्होंने बताया था कि एक व्रत किया जिसमें पांच उपवास किए थे और पारणा में अंतराय आया गया था। उन्हें देखकर हमारे अंदर भी भावना हुई की ऐसे ही हमें भी उपवास करना है। दान की महिमा अपरंपार है जो प्रभु के मंदिर के लिए दान देता है उसका वर्णन करने के लिए कोई समर्थ नहीं है।
-चातुर्मास मंगल कलश स्थापना करने का सौभाग्य विभिन्न महानुभावों ने प्राप्त किया
प्रथम कलश सुनीलकुमार महेन्द्रकुमार सिद्धार्थ कुमार कुशाग्र जैन पडरिया परिवार बीना द्वितीय कलश महेन्द्र कुमार मनीष कुमार जैन सेतपुर परिवार तृतीय कलश डॉ डी सी जैन अमित,सचिन कुमार जैन अलंकार ज्वेलर्स परिवार,चतुर्थ कलश मनिकचंद भूपेश नीलेश शैलेश जैन चौधरी स्टील परिवार,पंचम कलश गुलझारीलाल पदमचंद सुनील कुमार नौगांव परिवार को प्राप्त हुआ। इसके अलावा और भी लोगो ने कलश स्थापित किए।

बीना 09/07/2020
शास्त्र पढ़ने का फल प्रशंसा और प्रसिद्धि की प्राप्ति है :-मुनि श्री विमल सागर जी

सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी मुनिराज
मुनि श्री अनंत सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री धर्म सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री अचल सागर जी मुनिराज,
मुनि श्री भाव सागर जी मुनिराज
-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर चौबीसी जिनालय बड़ी बजरिया बीना जिला सागर (मध्य प्रदेश) में विराजमान है ।
समय सार ग्रंथ पर चर्चा करते हुए
मुनि श्री विमल सागर जी ने कहा कि ग्रंथ का मंगलाचरण महत्वपूर्ण होता है ।गुरु जब आज्ञा देते हैं तो शिष्य वह कार्य करते हैं ।मंगलाचरण करने से यह आत्मा पुण्य से भर जाती है । नाम को मंगल कहा गया है भगवान का नाम लेना भी मंगल है । भगवान के नाम की माला फेरी जाती है ।सिद्ध क्षेत्र , अतिशय क्षेत्र ,के दर्शन जो भावसहित करता है यह क्षेत्र मंगल होता है। इनके दर्शन करने से नरक गति आदि में नहीं जाते हैं ।तीर्थ क्षेत्रों पर अगर आप पाप के कार्य करते हैं तो अत्यधिक पाप होता है ।इस ग्रंथ की रचना भव्य जीवो के कल्याण के लिए हुई है । स्वाध्याय करने से प्रशंसा और प्रसिद्धि मिलती है । मुक्ति का सुख स्वाध्याय से प्राप्त होता है ।ग्रंथ समझ में नहीं आता है फिर भी सुनने से विशेष पुण्य का बंध होता है । श्रेष्ठ वक्ता हित मित प्रिय वचन बोलता है जो अच्छे से अध्ययन करते हैं गाय के समान होते हैं। आचार्य श्री से एक बार एक व्यक्ति ने कहा कि मैंने 108 बार समयसार पढ़ा है। तो आचार्य श्री ने कहा अच्छा । मैंने तो अपने गुरुदेव से एक ही बार समयसार पढ़ा और समस्त परिग्रह का त्याग हो गया था । 10 जुलाई को दोपहर में 3:30 से रत्नकरण्डण श्रावकाचार का स्वाध्याय मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज के मुखारविंद से होगा।
प्रेषक:- अक्षय जैन (ईलू) बीना मो.-8889961116
अंकित मोदी
अनिमेष जैन

विशेष जानकारी
12/07/2020 रविवार
प्रातः 8:30 से मुनि श्री अचल सागर जी महाराज मुनि श्री भाव सागर जी महाराज की दिव्य वाणी का लाभ यूट्यूब के माध्यम से लाईव की संभावना है
https://www.youtube.com/c/सौमिलजैनललितपुर
यह संदेश विश्व के सभी दिगम्बर जैनों तक पहुंचाए जिससे घर बैठे प्रभु की वाणी को गुरु की वाणी के माध्यम से हम सभी अपना जीवन अच्छा बना सकें।
मुनि संघ के संबंधित वीडियो को देखने के लिए सब्सक्राइब करे

जैन धर्म की छोटी-छोटी विडियो

रोचक ढंग में ग्राफ़िक्स में बनायी गयी – बच्चो और बङो के लिये: (प्रामाणिक समूह द्वारा)

बाल बोध भाग 1

  1. णमोकार मंत्र – http://y2u.be/RiqCfARdJ1o
  2. मंगल पाठ – http://y2u.be/q7ulsYNlDc0
  3. तीर्थंकर – http://y2u.be/_K0NX4xoJmc
  4. जीव और अजीव – http://y2u.be/rO-z348XLe8
  5. इन्द्रियाँ – http://y2u.be/vlfxUhsIERY
  6. त्रसजीव – http://y2u.be/C0dHvluOOC8
  7. स्थावर (एकेन्द्रिय) जीव – http://y2u.be/XvktpzBujZc
  8. कषाय - http://y2u.be/RO4F52Hnki8
  9. पाप - http://y2u.be/HqYvM22Qvuo
  10. गति - http://y2u.be/ctwpz4g24Us
  11. जैन कुलाचार - http://y2u.be/U1LOjJ88hD8
  12. जीव दया पालने का उपदेश – http://y2u.be/S9tHtgQS33c
  13. सप्त व्यसन – http://y2u.be/-BQLzIym0Ww
  14. चतुर्विध संघ – https://youtu.be/l5Dvlv912lU

जैन पर्व (त्यौहार)

  1. दिवाली – https://youtu.be/M4qynnuZ9Tc
  2. दशहरा – https://youtu.be/jL_Kqrf8NMw
  3. श्रुत पंचमी – https://youtu.be/amP-uh7XE60
  4. अक्षय तृतीया – https://youtu.be/NLcQkaW3yBQ

तीर्थंकर कल्याणक

  1. गर्भ कल्याणक – http://y2u.be/R2rIbxFxYiY
  2. जन्म कल्याणक – http://y2u.be/2-5fdaeT_oo
  3. तप कल्याणक – http://y2u.be/dZ6k1pyPyQ4
  4. ज्ञान एवं निर्वाण कल्याणक – http://y2u.be/NeSCT5hzc4w

तीर्थंकर / भगवान् श्रंखला

  1. भगवान् पार्श्वनाथ – http://y2u.be/iODZYKeJWbw
  2. बाहुबली भगवान् – http://y2u.be/83yCYhY03tQ
  3. भगवान् नेमिनाथ – http://y2u.be/JtBPWztCRBU

दसलक्षण धर्म कहानी

  1. उत्तम क्षमा धर्म कहानी – http://y2u.be/TmB5ZW-lnl0
  2. उत्तम मार्दव धर्म कहानी – http://y2u.be/T4bw20rwFLU
  3. उत्तम आर्जव धर्म कहानी – http://y2u.be/3bFAeQafCWs
  4. उत्तम संयम धर्म कहानी – http://y2u.be/7m5Ik_-vvIw
  5. उत्तम तप धर्म कहानी – http://y2u.be/ny4MXOvShlM
  6. उत्तम त्याग धर्म कहानी – http://y2u.be/n4HzrCnnXFw
  7. उत्तम आकिंचन धर्म कहानी – http://y2u.be/JXc0l08mquQ
  8. उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म कहानी – http://y2u.be/ANMOS-2IvmY
  9. उत्तम शौच धर्म कहानी – http://y2u.be/oeQdJ_fzEc4
  10. उत्तम सत्य धर्म कहानी – http://y2u.be/sSLYtKyKFRk

अन्य कहानियाँ

  1. अंजन चोर की कहानी – https://youtu.be/Lt5F8zWXXUk
  2. सुंदर हाथ – https://youtu.be/Wa95sAeV27I
  3. राजा श्रेणिक और मेंढक की कहानी –https://youtu.be/3LtlekkW23g
  4. उद्दायन राजा और उनकी गुरु भक्ति – https://youtu.be/QGoJ5-MmrGI
  5. मैना सुन्दरी – https://youtu.be/8_UtjAqbsiQ
  6. सूअर और बाघ की कहानी – https://youtu.be/JB3grnFeUss
  7. आचार्य कुन्दकुन्द की कहानी – https://youtu.be/PInV1IE6F5U

Youth Stories

  1. सच्ची शांति कहाँ है? – https://youtu.be/gfWc7H5kb8I
  2. एक आदर्श गुरू कैसा होना चाहिये – https://youtu.be/D0kjN7e-mNM
  3. आप कैसे दिखते हैं, इससे अपना आंकलन न करे-https://youtu.be/48EvlsABnMg
  4. अपने भावों का कर्त्ता मैं खुद हूँ- https://youtu.be/Z9OnWdJeB4Q
  5. नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर- https://youtu.be/MnfFOCMXL20
  6. बुरी परिस्थिति में क्या करें?- https://youtu.be/H-QcViaSeC0
  7. टीमवर्क – https://youtu.be/3ShfZ03kbnI